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9 साल से पेंडिंग हरियाणा टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी 2025 को मंजूरी

Posted by : pramod goyal on : Monday, 3 November 2025 0 comments
pramod goyal
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 मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट मीटिंग हुई। मीटिंग में तय किया गया कि 1984 दंगों पीड़ितों के परिवार के एक सदस्य को सरकार हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत नौकरी देगी। इसके अलावा 9 साल से पेंडिंग हरियाणा टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी 2025 को मंजूरी दी गई। इस पॉलिसी से जॉन का कॉन्सेप्ट हटा दिया गया है। अब टीचर कोई भी स्कूल चुन सकते हैं।

कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सभी ओवरटाइम कार्य स्वैच्छिक रहेंगे। सामान्य मजदूरी दर से दोगुना ओवर टाइम दिया जाएगा। पंजाब ग्राम शामलात भूमि नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है। डेली वेजेस कर्मचारियों और पार्ट टाइम कर्मचारियों का भी वेतन बढ़ाया गया है। ये वृद्धि जनवरी 2025 से प्रभावी होगी।

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि आज की मीटिंग में 14 मुद्दों पर बात हुई। मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि गांवों में आबादी वाली जगह पर जिन लोगों ने कब्जा कर रखा है, उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ड्रोन से सर्वे कराकर कानूनी तौर पर उन्हें मालिक बना देगी।


मीटिंग में सरकार ने विकास के कामों के लिए लोगों से जमीन खरीदने के नियम में संशोधन को मंजूरी दी है। अब अगर कोई जमीन मालिक अपनी जमीन सरकार को देना चाहता है, तो वह खुद या किसी और के जरिए ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी सहमति दे सकता है। अगर वह सभी शर्तें पूरी करता है, तो उसकी सहमति को सही माना जाएगा। पहले नियम था कि जमीन मालिक कलेक्टर रेट से तीन गुना ज्यादा कीमत तक ही जमीन देने का प्रस्ताव दे सकता था।

मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि जो सैनिक युद्ध में शहीद हो गए हैं, उनके परिवार वालों को नौकरी देने के नियम में सरकार ने ढील दी है। पहले नियम था कि शहीद सैनिक के परिवार को तीन साल के अंदर नौकरी के लिए अप्लाई करना होता था, लेकिन अब अगर किसी वजह से वे तीन साल में अप्लाई नहीं कर पाए, तो भी उन्हें नौकरी मिल सकेगी। इस फैसले से आज दो परिवारों को नौकरी देने की मंजूरी दी गई है। इनमें समीर, जिनके पिता सतीश कुमार 28 दिसंबर, 2001 को 'ऑपरेशन पराक्रम' में शहीद हो गए थे। दूसरे जंगवीर तक्षक, जिनके पिता जगदीश 26 जुलाई, 2000 को 'ऑपरेशन रक्षक' (जम्मू-कश्मीर) में शहीद हो गए थे।

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