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कर्मचारियों ने यूपीएस को नकारा,ओपीएस के लिए जारी रहेगा संधर्ष : सुभाष लांबा

Posted by : pramod goyal on : Friday, 24 October 2025 0 comments
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 फरीदाबाद ,24 अक्टूबर।


अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि कर्मचारियों ने युनाइटेड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लगभग नकार दिया है और ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) के राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन लागू करने की मांग की अनदेखी कर एकतरफा तरीके से पहली अप्रैल,2025 से यूपीएस को लागू किया था। लेकिन सरकार के भारी भरकम प्रचार के बावजूद 30 सितंबर,2025 तक 24,66,314 लाख एनपीएस केन्द्रीय कर्मचारियों में से केवल 97,094 ने ही यूपीएस में शिफ्ट किया है। यह संख्या मात्र 3.93 ही है। इससे बिल्कुल स्पष्ट है कि कर्मचारियों ने यूपीएस को लगभग नकार दिया है। लांबा ने बताया कि जिन राज्य सरकारों ने यूपीएस को लागू किया है वहां भी कर्मचारियों ने इस नकारते हुए ओपीएस की मांग की है। उन्होंने बताया कि यूपीएस में कर्मचारी के वेतन का दस प्रतिशत और सरकार के खाते से 18.5 प्रतिशत की कटौती होती है और इस 28.5 प्रतिशत, प्रति कर्मचारी, प्रति महीने एकत्रित होने वाली राशि को निजी क्षेत्र में निवेश किया जाता है। इसी प्रकार एनपीएस में कटौती होने वाली 24 प्रतिशत राशि को निजी क्षेत्र में निवेश किया जाता है। जबकि ओपीएस में जीपीएफ की कटौती होती है और उस राशि का इस्तेमाल सरकार विकास कार्यों में खर्च कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि अब यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि यूपीएस की मांग कर्मचारियों नहीं थी,यह मांग कारपोरेट क्षेत्र की थी, क्योंकि उसे कर्मचारियों और सरकार से कटौती होने वाली राशि इस्तेमाल के लिए आसानी से उपलब्ध हो रही है। उन्होंने बताया कि जबतक केन्द्र सरकार पेंशन फंड रेगुलेटरी डवलमेंट अथोरिटी एक्ट ( पीएफआरडीए) को रद्द कर पुरानी पेंशन लागू नही करेंगे, कर्मचारियों का आन्दोलन रहेगा। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के बेनर तले देशभर में इस मांग को लेकर जन जागरण अभियान चल रहा है और जिला एवं खंड स्तर पर धरने प्रदर्शन चल रहे हैं और भविष्य राष्ट्रीय स्तर पर बड़े आंदोलन करने की योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश सरकार ने एनपीएस से ओपीएस लागू की है। लेकिन छत्तीसगढ़ व राजस्थान में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में आई है। राजस्थान सरकार ने बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, विश्वविद्यालयों को ओपीएस की जगह एनपीएस लागू करने की छूट प्रदान कर दी है और छत्तीसगढ़ में भी ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। राजस्थान के कर्मचारियों ने सरकार के इस कदम के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है।


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