गुरुग्राम की एक कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई की बहन रोशनी, जीजा अनूप और भांजी सुरभि के अरेस्ट वारंट जारी किए हैं।
यह मामला दो मृतकों के प्लॉट को बेचकर 4 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने से संबंधित है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को सख्त आदेश दिए हैं कि दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाए।
इस मामले में, एक प्लॉट मालिक के बेटे धर्मवीर ने पहले पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर ही पुलिस ने FIR दर्ज की थी।
पंजाब में फाजिल्का जिले के सितो गुन्नो गांव के रहने वाले धर्मवीर ने गुरुग्राम पुलिस को शिकायत देकर बताया कि उसके पिता सुनील और चाचा संदीप कुमार के प्लॉट सेक्टर 23 और सेक्टर 23ए में थे। उसके चाचा संदीप की मौत 1 जुलाई 2004 को हो गई थी। 12 जनवरी 1996 को हुडा विभाग द्वारा उसके चाचा को प्लॉट नंबर 4772, सेक्टर 23/23ए आवंटित किया गया था, जिसका अलॉटमेंट लेटर नंबर 4839, 12 अप्रैल 1996 को जारी किया गया था।
धर्मवीर का आरोप है कि उसके चाचा के साढ़ू के.एल. बिश्नोई का उनके घर आना-जाना था, जिन्हें पता था कि संदीप के नाम पर एक प्लॉट है। विकास बिश्नोई ने हुडा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर संदीप की जगह किसी और व्यक्ति को पेश किया और 28 अप्रैल 2016 को पजेशन सर्टिफिकेट हासिल कर लिया। इसके बाद, 19 फरवरी 2016 को प्लॉट की एनओसी जारी करने के लिए संदीप कुमार के फर्जी साइन किए गए।
शिकायत के मुताबिक, 26 फरवरी 2016 को इन लोगों ने संदीप कुमार का नोटरीकृत हलफनामा पेश किया। 31 अक्टूबर 2017 को कन्वेंस डीड हो गई। इस पूरे फर्जीवाड़े के तहत, यह प्लॉट रीअलॉटमेंट लेटर के जरिए नीलम सिक्का, अशोक कुमार और राज कुमार सिक्का को ट्रांसफर कर दिया गया।

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