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सरकार की नीतियों के कारण हजारों एलसीएलओ एवं उनके परिजन भूखमरी का कागार पर पहुंचे : सुभाष लांबा

Posted by : pramod goyal on : Friday, 31 October 2025 4 comments
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 कुरुक्षेत्र,31 अक्टूबर।


पिछले करीब ढेड़ महीने से एलसीएलओ - सीपीएलओ कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू ) का एलसीएलओ को सीपीएलओ पदों पर ज्वॉइन करवाने की

मांग को लेकर डीसी आफिस पर क्रमिक अनशन व धरना चल रहा है। धरने प्रदर्शन में शुक्रवार को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के डिप्टी जरनल सेकेट्री संदीप सांगवान, जिला प्रधान ओमप्रकाश,मजदूर संगठन सीटू के महासचिव जय भगवान, अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा के महासचिव एवं संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य सुमित दलाल सहित आदि कई संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे और संबोधित किया। एलसीएलओ-सीपीएलओ यूनियन हरियाणा की प्रधान नीतू व महासचिव पवन डागर ने दो टूक कहा कि अगर एलसीएलओ की मांगों का समाधान नहीं किया सभी संगठनों के सहयोग एवं समर्थन से आंदोलन होगा तेज किया जाएगा।

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने क्रमिक अनशन और धरने प्रदर्शन में शामिल एलसीएलओ को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार की शोषणकारी व्यवस्था के कारण करीब साढ़े तीन हजार क्रीड़ पंचायत लोकल आपरेटर (एलसीएलओ) और उनके हजारों परिजन भूखमरी के कागार पर पहुंच गए हैं। क्योंकि एक साल से ज्यादा समय से ना त कोई मानदेय / वेतन मिल रहा है और न ही कोई काम दिया जा रहा है। पांच बार मुख्यमंत्री से मिलने के बावजूद केवल आश्वासन के अलावा कोई ठोस कार्यवाही नही हुई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सरकार से बातचीत करके समाधान निकलवाने की बजाय शांतिपूर्ण चल रहे धरने प्रदर्शन को उठाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है,जो घोर निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सिटीजन रिसोर्स इन्फोर्मेशन डिपार्टमेंट (CRID) और परिवार पहचान पत्र अथोरिटी के अंतर्गत करीब सात हजार क्रीड पंचायत लोकल आपरेटर (सीपीएलओ) का चयन किया था। इन कर्मचारियों की नियुक्ति हरियाणा की 7000 ग्राम पंचायतों के ग्राम सचिवालयों में होनी थी, जहां बैठकर ये फैमिली ID से जुड़े कार्य, जैसे आय प्रमाण पत्र,राशन कार्ड,निवास प्रमाण पत्र,पेंशन वेरिफिकेशन इत्यादि का कार्य करते। लेकिन चयन के बाद इसमें से करीब साढ़े तीन हजार को सीपीएलओ (क्रीड़ पंचायत लोकल ऑपरेटर) का ऑफर ऑफ अप्वाइंटमेंट पत्र दिया और आधे को पदनाम बदलकर एलसीएलओ (लोकल कमेटी लोकल ऑपरेटर) का ऑफर ऑफ अप्वाइंटमेंट दिया। जबकि विज्ञापन सीपीएलओ (क्रीड़ पंचायत लोकल ऑपरेटर) का था। उन्होंने कहा कि इस तरह, चार हजार एलसीएलओ में से मार्च 2024 में करीब 2700 की लोकल पंचायतों में ज्वाइनिंग हो गई और 1300 की ज्वाइनिंग ही नही हुई। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद पद ग्रहण करने वाले 2700 को भी काम नहीं दिया गया और 1300 की तो ज्वाइनिंग ही नही हुई। इसलिए पिछले करीब एक साल से सीपीएलओ पद के लिए चयनित, जिनका पदनाम बदलकर एलसीएलओ बनाया, को ना त कोई मानदेय / वेतन मिल रहा है और न ही कोई काम दिया जा रहा है। जबकि सीपीएलओ को केवल 6000 वेतनमान दिया जा रहा है, जो न्यूनतम मजदूरी से भी कम है।
सीटू महासचिव जय भगवान ने अपने संबोधन में कहा गया कि उन्होंने बताया कि इस भर्ती के लिए एक हजार रूपए फार्म फीस थी और करीब दस लाख युवाओं ने आवेदन किया था। इससे सरकार के पास करीब 100 रुपए प्रति फॉर्म फीस एकत्रित हुई। पहले प्री एग्जाम हुआ और उसको क्लीयर करने के उपरांत ही नकारात्मक अंकों के साथ मेन एग्जाम हुआ। जिसके बाद करीब सात हजार सीपीएलओ का चयन किया गया। लेकिन विभाग ने आधे को सीपीएलओ (क्रीड पंचायत लोकल ऑपरेटर या अटल सेवा केन्द्र आपरेटर (ASKO) का और आधे को एलसीएलओ (लोकल कमेटी लोकल ऑपरेटर) की ऑफर ऑफ अप्वाइंटमेंट पत्र दिया। सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ओमप्रकाश ने कहा कि यह भर्ती यह पूरी तरह गलत और बेरोजगारों के साथ धोखा है। क्योंकि विज्ञापन में वेतन का उल्लेख नहीं किया गया और चयन के बाद पदनाम बदलना पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने के लिए यह रोजगार देने का ड्रामा किया गया और अब कौशल कर्मियों की तरह उन्हें रोजगार से वंचित कर दिया।
    आज के धरने को सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ओमप्रकाश, महावीर प्रसाद दहिया, संदीप सांगवान, रामेश्वर आजाद, रोशन फौजी, अनील कुमार, , जितेन्द्र बंसल आदि ने भी संबोधित किया।

4 comments : for सरकार की नीतियों के कारण हजारों एलसीएलओ एवं उनके परिजन भूखमरी का कागार पर पहुंचे : सुभाष लांबा

  1. सरकार जल्दी से जल्दी सभी LCLO को CPLO मे कन्वर्ट करे और इनकों उचित वेतन प्रदान करें

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  2. Justice for lclo

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  3. Justice for lclo

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