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सीटू जिला कमेटी फरीदाबाद ने ‌न्यूनतम वेतन में संशोधन की मांग को लेकर विरोध सभा आयोजित की

Posted by : pramod goyal on : Monday, 15 September 2025 0 comments
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 फरीदाबाद  ‌- सेंट्रर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू जिला कमेटी फरीदाबाद ने ‌ पूर्व निर्धारित ‌कार्यक्रम के अनुसार ‌ आज रविवार को सेक्टर 12 ओपन थिएटर में ‌  न्यूनतम वेतन में संशोधन की मांग को लेकर विरोध सभा आयोजित की। इसके बाद ‌ प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन ‌श्री जीवन  दास नायब तहसीलदार दयालपुर को सौंपा। ‌ इस कार्यक्रम की अ


ध्यक्षता जिला प्रधान निरंतर पाराशर ने की जबकि संचालन जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। उन्होंने आज के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मौजूदा सरकार ने अपने कार्यकाल में न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी नहीं की जिसकी वजह से प्रदेश के श्रमिक वर्ग को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।‌ इस मौके पर सीटू के राज्य महासचिव जय भगवान, ‌ अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रधान सुभाष लंबा, ‌ सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान करतार सिंह जागलान,‌‌ वरिष्ठ उप प्रधान बलवीर बालगुहेर,‌ आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन की जिला प्रधान मालवती सचिव ‌ देवेंद्री शर्मा, ‌ मिड डे मील वर्कर यूनियन की प्रधान कमलेश,‌ आशा वर्कर यूनियन की प्रधान हेमलता, सचिव सूधा,‌ भारत गियर लिमिटेड के प्रधान रवि,‌ स्टार वायर यूनियन के प्रधान सुदर्शन, ‌ ओएमपी के ‌ कोषाध्यक्ष टेकचंद, ‌ गैरियर ऑटो के जितेंद्र,‌ जीकेएन के वीरेंद्र, ‌ हरियाणा टैक्स प्रिंट के संतोष कुमार ‌ आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभा को सीटू के महासचिव जय भगवान ने संबोधित किया उन्होंने कहा कि इस देश और प्रदेश के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान मजदूरों वर्ग का है। लेकिन उनकी हालत बेहद खराब है। महंगाई ने कमर तोड़ रखी है। मजदूरी बेहद कम है। न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अनुसार प्रत्येक 5 वर्ष में वेतन रिवाइज करना अनिवार्य है। लेकिन सरकार ने 2015 में संशोधित नहीं किया। नियम के अनुसार 2020 में रिवीजन हो जाना चाहिए था। ‌ इसके चलते हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है यदि 2020 में न्यूनतम वेतन  संशोधित हो ‌ जाता तो आज हरियाणा का न्यूनतम वेतन भी दिल्ली के न्यूनतम वेतन के बराबर या उससे कहीं ज्यादा होता। ‌ यहां पर मालिक लोग हमारे मेहनत की लूट कर रहे हैं। जो सरकार करवा रही है ‌ सीटू मजदूरों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष में रहती है। लंबे अरसे के बाद इस साल न्यूनतम वेतन रिवाइज करने बारे सरकार ने कमेटी का गठन किया है। सीटू ने इस कमेटी को₹30000 न्यूनतम वेतन संशोधित करने का लिखित प्रस्ताव दिया है ‌। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं। कि समय पर न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी न करके सरकार मालिकों को फायदा पहुंचा रही है। मजदूर की मेहनत की लूट करके ही बड़े-बड़े कॉर्पोरेट मोटा मुनाफा लूट रहे हैं। आज उद्योगों में मजदूरों की हालत काफी खराब है। ओवर टाइम दिए बिना मजदूरों से 12 -12 घंटे ड्यूटी ली जा रही है। मजदूरों के बड़े हिस्से को 10 से ₹12 हजार में 12 से 14 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। महिला मजदूरों की हालत तो और भी खराब है। उन्हें 6 से लेकर 8-9 हजार रुपए  ही मिलते हैं। ईएसआई पीएफ जैसी सुविधा भी नहीं मिलती। ओवरटाइम करने के लिए मजबूर किया जाता है। यहां तक की रात की पाली में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। यौन हिंसा को रोकने के लिए कोई शिकायत कमेटी भी फैक्ट्री में नहीं है।। मालिकों की मंशा न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी नहीं करने की है। ‌ मालिक लोग सरकार पर दबाव डालते हैं। लेकिन सीटू  ‌‌ जब तक श्रमिक वर्ग की न्यूनतम वेतन की मांग पूरी नहीं होती तब तक लगातार संघर्ष के मैदान में रहेगा।   आज के  प्रदर्शन को अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रधान सुभाष लांबा ने भी संबोधित किया। उन्होंने सभी से संगठित होकर संघर्ष करने पर जोर देते हुए कहा कि भविष्य में फरीदाबाद में इन मुद्दों पर सभी कारखाने के लोगों को एकजुट किया जाएगा और निर्णायक आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने सीटू के आंदोलन को  समर्थन देने का ऐलान किया। आज के प्रदर्शन को सीटू के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद,‌ सहसचिव विजय झा, ‌ वीरेंद्रपाल, ‌ मुकेश बेनीवाल रामकेश सहारन,‌ राकेश शर्मा,‌ दयाराम रामसागर, ‌ राजेंद्र सिंह पवन कुमार ,हाकिम सिंह, सुनीता, अनीता, मीनू ,गीता यासमीन गीता मिड डे मील और  केपी सिंह, ‌ दिनेश पाली, ‌ दुर्गा प्रसाद, इंद्रपाल ,चंद्रपाल, कृष्ण लाल एएनएम संदीप ए एल एम, सुशील ए एल एम धर्मवीर ए एल एम  ,‌ मीरा, गीता, सुनीता, सीमा, किरण, विमलेश, राधा, तुलसी, कौशल्या, आदि ने भी संबोधित किया।

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