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फरीदाबाद 28 सितंबर -आज आर डब्ल्यू ए प्रोग्रेसिव सैक्टर 2 फरीदाबाद रजिस्ट्रेशन नंबर 2044 ने शहीद भगतसिंह सिंह की जयंती मनाई। सबसे पहले उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण करके पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता चैयरमेन हो राम सिंह
दरोगा ने की।इस मौके पर सैक्टर 2 में पार्क का ना
म शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा। संस्था के महासचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि वह भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी योद्धा थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपने क्रांतिकारी विचारों से देशवासियों को प्रेरित किया। आज का दिन इस युवा स्वतंत्रता सेनानी के बलिदान और साहस का सम्मान करने के लिए समर्पित है। उन्होंने भारत की आजादी के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज ही के दिन 1907 में उनका जन्म गांव बंगा जिला लायलपुर पाकिस्तान में हुआ था। उनके पिता का नाम किशन सिंह और मां का नाम विद्यावती था। उप प्रधान अश्वनी कुमार गौड़ और शिवप्रसाद शाह ने बताया कि भगत सिंह मात्र 12 साल की उम्र में 1919 में जलियांवाला बाग अमृतसर में हुए कांड को देखने के बाद उनके विचार बदल गए। यहां से उन्होंने देश के आजादी के संघर्ष में शामिल होने का मन बना लिया। हालांकि 1923 में उन्होंने नेशनल कॉलेज लाहौर में एडमिशन लिया। 1924 में शादी से बचने के लिए वह अपने घर को छोड़कर चले गए। ब्रिटिश हुकूमत ने लाहौर बम धमाके के आरोप में उनको गिरफ्तार किया। 1928 में जेपी सांडर्स को मार कर उन्होंने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया। 1929 में बटुकेश्वर के साथ असेंबली में सेफ्टी बिल के खिलाफ बम फेंका। आज के कार्यक्रम में प्रधान जगदीश अधाना, वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शर्मा, सह सचिव जगदीश प्रभाकर, उप प्रधान अश्वनी कुमार गौड़, सचिव संतराम सोलंकी , कार्यकारिणी की सदस्य ओमप्रकाश, शिव प्रसाद, राजपाल सिंह राठौड़, एस पी त्यागी, धर्मवीर वैष्णव, सुनील अधाना, अजय कुमार, हरिओम गुप्ता , ओम प्रकाश, आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।
म शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा। संस्था के महासचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि वह भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी योद्धा थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपने क्रांतिकारी विचारों से देशवासियों को प्रेरित किया। आज का दिन इस युवा स्वतंत्रता सेनानी के बलिदान और साहस का सम्मान करने के लिए समर्पित है। उन्होंने भारत की आजादी के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज ही के दिन 1907 में उनका जन्म गांव बंगा जिला लायलपुर पाकिस्तान में हुआ था। उनके पिता का नाम किशन सिंह और मां का नाम विद्यावती था। उप प्रधान अश्वनी कुमार गौड़ और शिवप्रसाद शाह ने बताया कि भगत सिंह मात्र 12 साल की उम्र में 1919 में जलियांवाला बाग अमृतसर में हुए कांड को देखने के बाद उनके विचार बदल गए। यहां से उन्होंने देश के आजादी के संघर्ष में शामिल होने का मन बना लिया। हालांकि 1923 में उन्होंने नेशनल कॉलेज लाहौर में एडमिशन लिया। 1924 में शादी से बचने के लिए वह अपने घर को छोड़कर चले गए। ब्रिटिश हुकूमत ने लाहौर बम धमाके के आरोप में उनको गिरफ्तार किया। 1928 में जेपी सांडर्स को मार कर उन्होंने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया। 1929 में बटुकेश्वर के साथ असेंबली में सेफ्टी बिल के खिलाफ बम फेंका। आज के कार्यक्रम में प्रधान जगदीश अधाना, वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शर्मा, सह सचिव जगदीश प्रभाकर, उप प्रधान अश्वनी कुमार गौड़, सचिव संतराम सोलंकी , कार्यकारिणी की सदस्य ओमप्रकाश, शिव प्रसाद, राजपाल सिंह राठौड़, एस पी त्यागी, धर्मवीर वैष्णव, सुनील अधाना, अजय कुमार, हरिओम गुप्ता , ओम प्रकाश, आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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