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हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल ‌वर्कर्स यूनियन के हजारों कर्मचारी 6 सितंबर को सिंचाई मंत्री श्रुति केआवास का घेराव करेंगे

Posted by : pramod goyal on : Tuesday, 19 August 2025 0 comments
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 फरीदाबाद 19 अगस्त ‌ - हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल ‌ वर्कर्स यूनियन के  ‌ हजारों कर्मचारी तीनों विभागों में आनुपातिक प्रणाली लागू करने के विरोध में आगामी 6 सितंबर को प्रदेश की सिंचाई मंत्री सुश्री श्रुति, के  भिवानी ‌और 13 सितंबर को प्रदेश के लोक निर्माण एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा के हिसार आवास का घेराव करेंगे।‌ यह ‌ जा


नकारी राज्य के वरिष्ठ उप प्रधान अजय कुमार मुख्य संगठन सचिव योगेश शर्मा उप प्रधान राकेश तंवर और उप कोषाध्यक्ष हितेश शर्मा ने फरीदाबाद में अधीक्षक अभियंता सिंचाई विभाग के कार्यालय के सम्मुख में आयोजित विरोध सभा में  दी। ‌‌जिला कमेटी ने इस बाबत  अधीक्षक अभियंता सिंचाई विभाग को 16 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। इससे पहले सैकड़ो कर्मचारियों ने कैनाल कॉलोनी परिसर में विरोध सभा आयोजित की। और  सरकार विरोधी नारे लगाए। ‌ कर्मचारी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करो, ‌ सिंचाई विभाग में आनुपातिक प्रणाली को लागू करना बंद करो। पदों को घटाने पर रोक लगाओ के नारे लगा रहे थे। इसकी अध्यक्षता जिला प्रधान देवी सिंह और संचालन जिला सचिव राजकुमार ने किया। इस अवसर पर यूनियन के पूर्व राज्य प्रधान वीरेंद्र सिंह डंगवाल,पब्लिक हेल्थ के प्रधान कुंवर पाल, बी एंड  आर के  प्रधान,कपपी,‌ मैकेनिकल ब्रांच के प्रधान अमित कुमार, सिविल ब्रांच फरीदाबाद के प्रधान जितेंद्र भडाना, पलवल के जिला सचिव सतपाल करहना,‌ जिला कोषाध्यक्ष नरोत्तम, आदि ‌ विशेष रूप से उपस्थित रहे। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन के नेताओं ने राज्य सरकार पर सिंचाई विभाग के आकार को घटाने का आरोप लगाया उन्होंने बताया कि सरकार की विभागों को समाप्त करने की कार्य प्रणाली से पूरे प्रदेश की जनता को भारी नुकसान हो रहा है। एक तरफ जहां सिंचाई विभाग में ‌‌ पहले ‌ आम गरीब  व्यक्ति के ‌ नौजवान बच्चों को नौकरी करने का अवसर बगैर किसी परीक्षा और सिफारिश के मिल जाता था। अब सरकार ऐसे अवसर समाप्त करके रोजगार के रास्ते बंद कर रही हैं। ताकि निर्धन  और गरीबों के बच्चों को ‌ नौकरी नहीं मिल सके। विभागों में आनुपातिक प्रणाली  इसीलिए लागू  की जा रही है। मल्टी टास्क सर्विस के नाम पर नए पद सृजित करके एक ही व्यक्ति से ‌ अनेक प्रकार के काम लिए जाने के रास्ते को सुगम बनाया जा रहा है। इस ‌ प्रणाली के लागू होने से पहले से  मंजूर पदों को समाप्त करना आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले विभाग में 36000 पद थे। ‌ वर्ष 2003 से ‌ 2005 के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के कार्यकाल में ‌ इनको घटकर 26000 कर दिया गया। इसके बाद विभाग ने ‌ व्यक्तिगत पदों को समाप्त करना शुरू कर दिया। कुल मिलाकर अब 19000 के लगभग कर्मचारी थे। अब लगभग 7000  पदों को समाप्त करके इनकी संख्या घटाकर 12000 की जा रही है।उन्होंने कहा कि इन नीतियों का ‌ प्रदेश के कर्मचारी डटकर विरोध करेंगे। निजीकरण को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। यूनियन की मुख्य मांगों में सिंचाई एवं ‌ जल संसाधन विभाग में रेशनलाइजेशन के नाम पर ग्रुप सी व ग्रुप डी के कर्मचारियों के पद समाप्त करने पर रोक लगाई जाए।

कच्चे कर्मचारियों की नीति बनाकर पक्का किया जाए।‌‌ फील्ड कर्मचारियों के सेवा नियमों व वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए।‌ डिप्लोमा होल्डर कर्मचारियों को कनिष्ठ अभियंता के पद पर पदोन्नति किया जाए। सभी कर्मचारियों को यात्रा भत्ता नियम 2016 के अनुसार 15 डेली दी जाएं तथा फ्लड सीजन में खुला यात्रा भत्ता दिया जाए। ‌ जोखिम का कार्य करने वाले कर्मचारियों को जोखिम भता दिया जाए। सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को कैशलैस मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए।
आज के प्रदर्शन को कुलदीप कुमार, श्यामलाल, डालचंद, विक्रम, रमेश वर्मा,‌ प्रतापगढ़, राजू आदि ने भी संबोधित किया।

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