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फरीदाबाद ,8 जुलाई।
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में बिजली कर्मचारी बढ़ चढ़कर शामिल होंगे। यह जानकारी देते हुए बिजली कर्मचारियों के प्रमुख संगठन ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उप प्रधान शब्बीर अहमद,सीसी सदस्य मनोज जाखड़, डाल चंद शर्मा, सर्कल सचिव कृष्ण कुमार, रामचरण,यूनिट कमेटी के नेता दिनेश शर्मा, रामकेश साहरण,भूप सिंह कौशिक, करतार सिंह,प्रवेश बैंसला,वेद प्रकाश कर्दम, असरफ खान ने बताया कि हड़ताल की तैयारियों को लेकर पिछले 15 दिनों से अभियान चलाया गया है। उन्होंने बताया कि शिफ्ट में काम कर रहे तकनीकी कर्मचारी मंगलवार को 11 बजे से हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने कहा मंगलवार को डिवीजन स्तर पर गठित चार टीमों ने सभी सब डिवीजन, डिवीजन, कंप्लेंट सेंटर व सब स्टेशन का दौरा किया और केंद्र एवं राज्य सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल में शामिल होने की अपील की। वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद ने ने कहा कि हड़ताल के चले अभियान में पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए 29 श्रम कानूनों को खत्म कर बनाए चार लेबर कोड्स को वापस लेने, बिजली निजीकरण पर रोक लगाने,एचकेआरएन को भंग कर सभी प्रकार के आउटसोर्स ठेका कर्मियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन बहाली, बिजली कर्मचारियों को पांच हजार रुपए रिस्क अलाउंस देने, आनलाइन ट्रांसफर पालिसी को रद्द करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया गया है।
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर देश के 27 लाख बिजली कर्मी एवं अभियंता 9 जुलाई की हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार के निर्देश पर चंडीगढ़ प्रशासन ने औसतन 250 करोड़ सालाना मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़ विधुत विभाग को बिना परिसंपत्तियां का मूल्यांकन करवाए 174 करोड़ बेस प्राइस तय कर 871 करोड़ में निजी कंपनी को बेच दिया। जिसका परिणाम चंडीगढ़ जनता व कर्मचारी अब भुगत रहे हैं। निजी कंपनी सुचारू रूप से बिजली व्यवस्था चलाने में पूरी तरह विफल हो रही है और अब बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि अब उप्र सरकार द्वारा पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। जिसके खिलाफ उप्र में बिजली कर्मचारी जबरदस्त आंदोलन चलाए हुए हैं। उन्होंने कहा की संसद के आगामी मानसून सत्र में निजीकरण की गति तेज करने के लिए बिजली अमेंडमेंट बिल पेश किया जा सकता है। केन्द्र सरकार के इन प्रयासों को भांपकर 27 लाख बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने का फैसला लिया है।

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