करनाल में पकड़े गए जुए के अड्डे को चलाने वाला घरौंडा का रिंकू अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस जैसे-जैसे उसकी कुंडली खंगाल रही है, कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पहला तो यह कि रिंकू कोई छोटा-मोटा आदमी नहीं है। वह एक प्राइवेट अस्पताल चलाता है। 5 साल पहले उसने यह अस्पताल खोला था।
इसके अलावा रिंकू इस जुए के अड्डे से हर महीने एक से डेढ़ करोड़ रुपए कमाता था। पुलिस ने जिन 4 आरोपियों विजय, अभिषेक, रविंद्र और राकेश को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है, वे भी इस काले कारोबार में रिंकू के साझीदार बताए गए हैं।
ये सभी मिलकर पूरा नेटवर्क चला रहे थे। वॉट्सऐप पर कस्टमर बनाए जाते थे। लोकेशन शेयर कर उन्हें अड्डे की जानकारी दी जाती थी। जुए के अड्डे पर शराब पार्टी का पूरा इंतजाम करने का जिम्मा रिंकू का था, जिसकी एवज में वह 50 हजार रुपए ज्यादा लेता था। मगर, एक चूक से पुलिस उनके इस नेटवर्क तक पहुंच गई और 55 लोगों को एक साथ धर दबोचा।
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