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फरीदाबाद 6 जुलाई - मजदूर विरोधी चार लेबर कोड्स को रद्द करवाने, न्यूनतम वेतन 26 हजार संशोधित करने, पुराने श्रम कानूनों को लागू करवाने बेरोजगारों को रोजगार देने सहित अन्य मांगों को लेकर 9 जूलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल ऐतिहासिक होगी। यह बात हड़ताल की तैयारी के सिलसिले मे बुलाई गई भारत गियर लिमिटेड वर्कर्स यूनियन की गेट मीटिंग को सराय में संबोधित करते हुए सीटू के राज्य उपप्रधान कामरेड सतबीर सिंह ने कही। इस मीटिंग
के अध्यक्षता यूनियन के प्रधान रवि ने की। इस मौके पर सीटू के प्रधान निरंतर पाराशर उप प्रधान शिवप्रसाद और जिला कमेटी के सेक्रेटरी कामरेड वीरेंद्र सिंह डंगवाल भी उपस्थित रहे।
श्रमिक नेताओं ने बताया कि इस हड़ताल को भारी जन समर्थन मिल रहा है। सभा को सम्बोधित करते हुए सीटू के उपाध्यक्ष कामरेड सतबीर सिंह ने बताया कि बीजेपी सरकार लगातार मजदूर-कर्मचारी-किसान विरोधी फैसले लेकर जनता को बड़ी मुश्किल में डाल रही है । उन्होंने कहा कि हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सरसों के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी करने का ऐलान कर दिया। जबकि खाद्य पदार्थों की कीमतें पहले ही बढ़ाई गई है । राशन डिपो में मिलने वाली सरसो तेल के रेट की बढ़ोतरी को वापिस लिया जाए। उन्होंने बताया कि देश की तमाम ट्रेड यूनियनों के साझा मंच ने 9 जुलाई को पूरे देश में हड़ताल करने का निर्णय लिया है। जिसमें सरकारी संगठित, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत करोड़ों की संख्या में मजदूर और कर्मचारी हड़ताल करने जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी इस हड़ताल को अपना पुरजोर समर्थन दिया है। उल्लेखनीय है कि 5 साल पहले कोरोना महामारी के समय मौके का फायदा उठाते हुए मोदी सरकार ने देश में कृषि उत्पादन भंडारण और खाद्यान्न वितरण व्यवस्था को बड़े पूंजीपतियों के हवाले करने के लिए तीन काले कानून बनाए थे ।उसी समय देश की आजादी से पहले और आजादी के बाद संघर्षों के बल पर मजदूरों कर्मचारियों के हितों में बने श्रम कानूनों को रद्द करते हुए संसद में बिना बहस और चर्चा के लेबर कोड्स बिल पास कर दिया गया था। जिन्हें अब मोदी सरकार लागू करने की कोशिश कर रही है यह चार मजदूर विरोधी कोड्स पूंजीपतियों के हित में मनचाहे शोषण की छूट देते हैं। जो कि बड़े पैमाने पर मजदूरों और कर्मचारियों पर गुलामों जैसी स्थिति थोपने की कोशिश है। इन लेबर कोड्स के लागू होने से मजदूरों कर्मचारियों को जो कानूनी अधिकार हासिल थे। वह खत्म हो जाएंगे। काम के अधिकतम घंटे 8 से बढ़कर 12 हो जाएंगे। मातृत्व लाभ, स्वास्थ्य लाभ, दुर्घटना लाभ, पेंशन आदि से संबंधित सामाजिक सुरक्षा यूनियन बनाने अथवा संगठित होने सामूहिक तौर पर संघर्ष करने हड़ताल करने, प्रबंधकों के साथ सामूहिक समझौते और सौदेबाजी के अधिकार गुजरात की भाजपा सरकार ने दो दिन पहले ही अध्यादेश जारी कर काम के घंटे में बढ़ोतरी करके इन लेबर कोडों को तेजी से लागू करने का प्रयास शुरू किया है। इन कानूनों के पास होने के बाद देश के कुल फैक्ट्री मजदूरों का 74 प्रतिशत न्यूनतम श्रम अधिकारों से बाहर हो गया है। देश के 70 प्रतिशत उद्यागों में मालिकों को ये अधिकार मिल जाएगा कि वें कभी भी मजदूरों को फैक्ट्री से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं। लेबर कोड से हायर एंड फायर यानी काम लो और बाहर करो वाली नीतियों को लागू कर दिया जाएगा है। इसमें ना न्यूनतम वेतन है, न काम की समय सीमा तय है और न ही पक्का रोजगार का प्रबंध। केंद्र सरकार लगातार जन विरोधी एवं कोरपोरेट परस्त नीतियाँ लागू कर रही है जनता को निचोड़ रही है। अपने कोरपोरेट परस्त एजेंडे को लागू करने के लिए केंद्र सरकार जात-धर्म की नकली लड़ाई जनता में करवा रही है ताकि जनता एकजुट न हो। देश-प्रदेश में बेरोजगारी, असमानता, लूट व फूट, अन्धविश्वास बढ़ाया जा रहा है। बीजेपी सरकार धीरे-धीरे लेबर कोड को लागू कर रही है। जिनके उदाहरण है अग्निवीर, कौशल रोजगार निगम। इसलिए 9 जुलाई की राष्ट्रीय हड़ताल ऐतिहासिक होगी। जो केन्द्र व राज्य सरकार के लिए कफन में कील का काम करेगी और मजदूरों व कर्मचारियों को ताकत मिलेगी। इस हड़ताल में निर्माण मजदूर, खेत मजदूर, स्कीम वर्कर्स, सफाई कर्मचारी, अलग-अलग विभागों में काम करने वाले कच्चे-पक्के कर्मचारी, किसान, खेत मजदूर सभी हिस्सेदारी करेंगे। 9 जुलाई को बीके नगर निगम चौक पर जिले के प्रत्येक विभाग के कर्मचारी एकत्रित होकर के नीलम से अजरोंदा होते हुए डी सी कार्यालय की तरफ मार्च करेंगे तरफ मार्च करेंगे। कामरेड सतबीर सिंह ने नेहरू कॉलोनी में जाकर भी वहां सरकार द्वारा की जा रही तोड़फोड़ की कड़े शब्दों में निंदा की उन्होंने चेतावनी दी है। कि किसी भी गरीब का घर माकपा नहीं तोड़ने देगी। इसके लिए कितना भी बड़ा आंदोलन करना पड़े हमारी पार्टी मजदूरों के आंदोलन का समर्थन करेगी।
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