हरियाणा में 1 अगस्त से नए कलेक्टर रेट लागू कर दिए जाएंगे। पिछले साल एक जनवरी और एक दिसंबर को नए कलेक्टर रेट लागू किए गए थे, जो इस साल 30 मार्च तक मान्य थे। मार्च 2025 के बाद से अब तक पिछले रेटों पर ही रजिस्ट्रियां हो रही थीं। इससे सरकार के राजस्व को नुकसान हो रहा था।
अब 2025-26 के लिए 1 अगस्त से नए कलेक्टर रेट के हिसाब से ही जमीनों की रजिस्ट्रियां होंगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी के अधीन रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से सभी मंडलों के कमिश्नर और उपायुक्त को यह आदेश दे दिए गए हैं।
कलेक्टर रेट बढ़ने से हरियाणा में प्रॉपर्टी खरीदना और बेचना और महंगा हो जाएगा। सरकार के इस कदम से राज्य का खजाना तो भरेगा, लेकिन आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ना तय है।
नए कलेक्टर रेट के लिए विभिन्न स्थानों पर 5 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। पिछले साल पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते एक दिसंबर को ही नए कलेक्टर रेट लागू किए जा सके थे।
पिछले साल जमीन के कलेक्टर रेट 12 से 32 प्रतिशत तक बढ़ाए गए थे। देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक होने के कारण एनसीआर में जमीन बहुत अधिक महंगी है, इसलिए वहां कलेक्टर रेट बाकी जिलों से काफी अधिक रखे गए थे। इनमें रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल और पानीपत में 20 प्रतिशत और गुरुग्राम, सोहना, फरीदाबाद, पटौदी और बल्लभगढ़ के कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई थी। इस बार भी यहां रेट ज्यादा होने के आसार हैं।

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