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फरीदाबाद 20 जून -
आज ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने राज्य कमेटी के आवाहन पर अपनी मांगों को लागू करने एवं 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का नोटिस देने के लघु सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन करके अपनी मांगों का ज्ञापन तहसीलदार श्री यशवंत सिंह को सौंपा। इस मौके पर सीटू की ओर से भी सरकार से न्यूनतम वेतन रिवाईज करके 26 हजार रुपए करने और ऑटो रिक्शा की मांगों और समस्याओं का समाधान करने के बारे भी अलग-अलग ज्ञापन दिए गए। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिले के सैकड़ो ग्रामीण सफाई कर्मचारी टाउन पार्क सेक्टर 12 में एकत्रित हुए यहां पर एक विरोध सभा का आयोजन किया गया इसकी अध्यक्षता जिला के उप प्रधान महेंद्र सिंह ने की जबकि कार्रवाई का संचालन जिला सचिव राजू लोहट ने किया। इस अवसर पर सीटू के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद और सह सचिव विजय झा ने कर्मचारीयों की मांगों का समर्थन किया। इस विरोध सभा को आशा वर्कर की जिला प्रधान हेमलता और मिड डे मील वर्कर की जिला प्रधान कमलेश ने भी संबोधित किया। आंदोलनकारी को संबोधित करते हुए सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि आगामी 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल हो रही है। इस हड़ताल में फरीदाबाद के सभी फैक्ट्री के वर्कर, सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारी सभी स्कीम वर्कर, ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन सहित सभी विभागों के कर्मचारी रेल, डाक तार विभाग के कर्मचारी के अलावा बैंक बीमा के कर्मचारी भी भाग लेंगे। इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए पूरे फरीदाबाद में जन अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक कॉलोनी और मजदूर बस्तियों में सभाएं की जाएगी। हड़ताल के समर्थन में पंपलेट और पोस्टर लगाए जायेंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा की सरकार 11000 ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रही है। 24 नवंबर 2024 को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करके ₹26000 देने की घोषणा की थी। लेकिन 7 माह का समय बीतने के बाद भी इसको लागू नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की मुख्य मांगों में विधानसभा में एक नीति बनाकर सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारी को रेगुलर किया जाए। सफाई कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर 10 लाख रुपए की सहायता राशि लागू की जाए। सफाई कर्मचारियों के लिए ईपीएफ और ईएसआई में कबर होने की वेतन सीमा को बढ़ाकर 27000 रुपए मासिक किया जाए। सफाई कर्मचारी की मृत्यु होने ईपीएफ बोर्ड से मिलने वाले लाभ के लिए कागज कार्रवाई वीडपीओ ब्लॉक कार्यालय की तरफ से की जाए तथा इस काम के लिए ब्लॉक कार्यालयों द्वारा हायर की गई प्राइवेट एजेंसी की लूट पर रोक लगाया जाए। ग्रामीण सफाई कर्मचारी की मृत्यु होने पर दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत बीपीएल परिवारों को मिलने वाली आर्थिक सहायता को अलग किया जाए। क्योंकि ₹16000 होने के कारण एबीपीएल श्रेणी से बाहर हो चुके हैं। मृत्यु होने पर सरकार की तरफ से दी जाने वाली मुआवजा राशि के कागजात ऑनलाइन सीएससी के बजाय बीडीपीओ कार्यालय के माध्यम से ऑनलाइन जमा होने चाहिए तथा कर्मचारियों के परिजनों को यह राशि मिलना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि इस सरकार ने अपने कार्यकाल में न्यूनतम वेतन में संशोधन नहीं किया है। यदि राज्य सरकार जनवरी 2015 में न्यूनतम वेतन रिवाइज कर देती तो प्रदेश में कर्मचारियों को वेतन 28 और 30 हजार के बीच बनता। आज हरियाणा में न्यूनतम वेतन 11257 रुपए है।जबकि दिल्ली में 18066 रुपया न्यूनतम वेतन है। इस विरोध सभा में सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, दिनेश पाली, राजू नरियाला, के पी सिंह , ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन के प्रधान भोपाल सिंह, मुकेश भड़ाना, उपस्थित रहे।
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