हरियाणा कांग्रेस के 'संगठन सृजन कार्यक्रम' के तहत जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन करने वाले नेताओं के इंटरव्यू शुरू हो गए हैं। इंटरव्यू प्रक्रिया इसीलिए शुरू की गई है, ताकि आवेदन करने वालों के नामों की छंटनी करके 6 लोगों के नाम का पैनल
बनाया जा सके।
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों की ओर से दावेदारों से यह सवाल भी किए जा रहे हैं कि संगठन की जिम्मेदारी मिलने के बाद वे BJP और RSS के प्रचार को मात देने के लिए कैसे काम करेंगे? जिले में संगठन बनाने का उनका क्या फॉर्मूला रहेगा?
इतना ही नहीं, आवेदकों से ही यह भी पूछा जा रहा है कि उनके खुद के प्रधान नहीं बनने की स्थिति में दूसरा कोई मजबूत चेहरा हो सकता है, जो जिलाध्यक्ष के लिए उपयुक्त हो।
सूत्रों का कहना है कि जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों से केंद्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा संगठन के अलावा कई अन्य सवाल भी किए जा रहे हैं। उनसे हरियाणा के उस नेता के बारे में भी पूछा जा रहा है, जिसकी सबसे अधिक पब्लिक में पैठ है। इन नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा सांसद कुमारी सैलजा, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ बीरेंद्र सिंह, रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव सहित काई नेताओं के बारे में जानकारी ली जा रही है।
केंद्रीय पर्यवेक्षक जिलाध्यक्ष के दावेदारों से यह भी जानने और समझने की कोशिश कर रहे हैं कि प्रदेश में कांग्रेस के लगातार तीन बार हारने के पीछे प्रमुख कारण क्या है। 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी और कांग्रेस के प्रति पॉजिटिव माहौल होने के बाद भी कांग्रेस के सत्ता से दूर रहने की वजहें पूछी जा रही हैं।
केंद्रीय नेतृत्व ने हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं को इस प्रक्रिया से फिलहाल दूर रखा है। हालांकि जिलों की बैठकों के दौरान कई जगहों पर कांग्रेसियों के बीच हुई कहासुनी की रिपोर्ट भी राहुल तक पहुंच चुकी है। बताते है कि 6-6 के नाम के पैनल बनने के बाद प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा होगी और इन पैनल को छोटा करके तीन-तीन नाम का किया जाएगा।
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