फरीदाबाद। शहर सेक्टर 12 फरीदाबाद निवासी वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता मोहन तिवारी ने बहुचर्चित पटना पीएमसीएच प्रकरण को लेकर थाना पीरबहोर पटना में 31 मई को मुकदमा न 417 विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज कराए है। उन्होंने अपने लिखित शिकायत में बताया कि वर्षों से सामाजिक व जनहित मुद्दों को लेकर आवाज उठाते रहे है। उन्होंने कहा कि संविधान द्वारा मिले अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत जनहित की मुद्दो को लेकर समय समय पर आंदोलन व अनशन तथा लेखनी के माध्यम से सरकार की खामियों को उजागर करके सरकार का ध्यान केंद्रित कर समस्या का निस्तारण करने का प्रयास वर्षों से करते आ रहे है। इसी कडी में उन्होंने अपने इस शिकायत पत्र के माध्यम से अवगत कराया की मीडिया में एक मामल काफी जोरो से चर्चा में चल रहा है जो कि सामाजिक व जनहित मुदा से जुड़ा घटना है।
वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता मोहन तिवारी ने अपने लिखित तहरीर में आरोप लगाया कि पटना मेडिकल कॉलेज में 19 मई को सामाजिक व जनहित मुद्दे को लेकर बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने किसी मरीज की पैरवी करने गए थे लेकीन मरीज की संतोषजनक सही समय पर सही उपचार नहीं मिलने से डॉक्टर से सवाल जवाब शुरू कर दिए जिसके बाद अचानक हॉस्पिटल के अंदर कुछ डाक्टरों के द्वारा घेराबंदी कर जानलेवा हमला करने का प्रयास किया गया तथा मनीष कश्यप को जबरन धर पकड़कर खूब मार पिटाई की गई उसकी वीडियो बनाई गईं, वीडियो को सार्वजनिक करने के धमकी दी गई, उसके साथ अपशब्द भाषा का प्रयोग किए गया, शिकायत करने पर महिला डॉक्टर को आगे करके झूठी मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी गई तथा उसे घंटों भर बंदी बना कर रखा गया, जिसकी बाबत प्रतिष्ठित मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया जिसकी बाहर खबर फैलते ही पूरे समाज में उक्त घटित कृत्य को लेकर काफी रोष व्याप्त है तथा समाज में गलत संदेश भी गया है क्योंकि जिस तरह से घटना उक्त पटना मेडिकल कॉलेज में कुछ डॉक्टरों स्टॉप लोगों के द्वारा मारपीट बर्बरता अपराध को अंजाम दीया गया है, उससे प्रदेश भर के लोगों के मन में डाक्टरों के प्रति भरोसा कम हो गया है।
वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता मोहन तिवारी ने लिखित शिकायत में कहा कि जहां डॉक्टर को भगवान के दूसरे रूप में देखा जाता है आज प्रदेश भर के लोगों के मन में सवाल उठने शुरू हो गए है। जिससे पीएमसीएच मेडिकल कॉलेज की और उसमे कार्य करने वाले अच्छे डॉक्टरों की भी अपनी साख गिरी है। वही प्रदेश भर के लोगों के मन में इस तरह के अपराध कारीत होने से विश्वास खत्म हो गया है। पूर्व में भी इस तरह की लगातार घटना सुनने में सामने आती रही है और अभी भी सुनने को मिल रही है। लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल है या फिर गुंडागर्दी का अड्डा, प्रदेश भर के लोगों के मन में लागतार साख गिरता जा रहा है, स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल लचर पड़ी हुई है,आवाज उठाने वाले लोगों को तुरंत मारपीट दिया जाता है और पीड़ित व्यक्ति शिकायत न करे उसके लिए उसके ऊपर दवाब बनाने के लिए महिला डॉक्टर को आगे करके उसके खिलाफ झूठे मुकदमे में फ़साने की धमकी दी जाती है। जो यह एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है जिसको लेकर कानूनी कार्यवाही कर रोकना बहुत जरूरी है।
वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता मोहन तिवारी ने अपने शिकायत में कहा कि आम जनमानस में उक्त मेडिकल कॉलेज की और उसमे कार्य करने वाले अच्छे डॉक्टरों की साख बची रहे ऐसे परिस्थिति में उस दिन जो भी लोग गलत कृत्य करते पाए जाएं ऐसे दोषी लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही किया जाए, जिन्होंने इंसानियत, मानवता और इस पेशे को कलंकित किए है और प्रदेश भर के लोगों का भरोसा के साथ छल किया है, गुंडागर्दी किया है, वही बिहार प्रदेश को अपने कार्यकाल के दौरान शानदार कानून व्यवस्था देने वाले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय जी ने भी सोशल मीडिया पर उक्त घटना की कड़ी निंदा किए है। प्रदेश के चर्चित जाने माने लोग उक्त घटना की लगातार सोशल मीडिया पर निंदा कर रहे है। ऐसे परिस्थिति में सम्बन्धित आरोपीगण के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही किया जाए ताकि ऐसी घटना की पुनरावृति न हो।
शिकायतकर्ता वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता मोहन तिवारी ने अपने शिकायत में लिखा कि वह पूर्व में 20 मई को थाना पीरबहोर सहित एसपी पटना को भी सीसीटीवी फुटेज को प्रिजर्व/सुरक्षित करने की लिखित शिकायत किया हुआ था जिसके बाद थाना पीरबहोर ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए दिनांक 23 मई को पटना मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सीसीटीवी फुटेज को प्रिजर्व/सुरक्षित करने हेतु निर्देशित किया गया साथ ही सामाजिक कार्यकता मोहन तिवारी को भी इस कार्यवाही से अवगत किया गया था।
शिकायकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता मोहन तिवारी ने अपने शिकायत में कहा है कि सीसीटीवी फुटेज को जाँच में लेकर संबंधित दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही किया जाना बेहद जरूरी है। वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता मोहन तिवारी ने बताया कि उनकी थाना पीरबहोर एस. एच ओ अब्दुल से शुक्रवार को देर शाम फोन पर बात हुई तो उन्होंने बताया कि थाना पीरबहोर में उन्हें आकर अपना मूल हस्ताक्षर करना पड़ेगा उसके बाद वह दिल्ली फरीदाबाद से आए और पटना पीएमसीएच प्रकरण को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सामाजिक न्याय की है, बिहार के 14 करोड़ लोगों को पीएमसीएच में स्वास्थ सुविधाएं जैसी मूलभूत बुनियादी सुविधाएं बहाल कराने की है और जो लोग उसमें अपने पद का नाजायज लाभ लेते है और उनके गलत कार्यों के खिलाफ आवाज उठाने वालों लोगों को अपमानित करने उनके साथ मारपीट करने का कार्य करते है जिसका वह पुरजोर रूप से विरोध करते है।
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