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फरीदाबाद ।
केन्द्र सरकार ने कर्मचारियों के निरंतर विरोध को देखते हुए 16 जनवरी को केंद्रीय आठवें वेतन आयोग के गठन करने की घोषणा की थी। जिसका भाजपा को
दिल्ली विधानसभा चुनाव में फायदा भी मिला था। लेकिन करीब पांच महीने बीत जाने के बावजूद भी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। जिसको लेकर केंद्र एवं राज्य के करोड़ों कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में फायदा भी मिला था। लेकिन करीब पांच महीने बीत जाने के बावजूद भी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। जिसको लेकर केंद्र एवं राज्य के करोड़ों कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने आठवें पे कमीशन की पांच महीने बीत जाने के बावजूद अधिसूचना जारी न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और अविलंब अधिसूचना जारी करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर अधिसूचना नहीं कर रही है। ताकि पहली जनवरी, 2026 से पे कमीशन की सिफारिशों को लागू न करना पड़े। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने अभी तक टर्म ऑफ रेफरेंस को भी मंजूरी नहीं दी है। जिससे सरकार की गंभीरता से पता चलता है। उन्होंने बताया कि पहले केन्द्र सरकार आठवें पे कमीशन की सिफारिशों को स्वीकार कर केन्द्रीय कर्मचारियों पर लागू करती है और उसके बाद ही लगभग सभी राज्य सरकार अपने कर्मचारियों पर लागू करेगी। इसलिए यह करोड़ों कर्मचारियों से जुड़ा हुआ बहुत ही गंभीर मामला है। उन्होंने आठवें पे कमीशन के टर्म ऑफ रेफरेंस में ठेका कर्मियों के वेतन निर्धारण करना भी शामिल करने की मांग की है। क्योंकि ठेका कर्मियों के वेतन बढ़ोतरी का कोई ठोस मैकेनिज्म नहीं है, उसके वेतन में भी समान काम समान वेतन के आधार पर बढ़ोतरी होनी चाहिए। क्योंकि अब सभी विभागों में लगभग 50 प्रतिशत कर्मचारियों की संख्या हो गई है।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लांबा ने बताया कि सरकार से संसद में इस संबंध में सवाल किया गया था, जिसमें जवाब दिया गया कि आयोग की अधिसूचना, अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति तथा समय रेखा पर निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा। इस जवाब से मामला लटकता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा केन्द्र सरकार ने अभी तक कोविड 19 में कर्मियों और पेंशनर्स के फ्रीज किए 18 महीने के बकाया डीए-डीआर को रिलीज नही किया है। उन्होंने कहा कि आठवें पे कमीशन की अधिसूचना जारी करने की बजाय पेंशन भोगियों को आठवें पे कमीशन की सिफारिशों अनुसार पेंशन रिवीजन को रोकने के लिए 25 अप्रैल को वित्त विधेयक के द्वारा अधिकार प्राप्त करने का काम किया है। उन्होंने 80 साल उम्र में बेसिक पेंशन में 20 बढ़ोतरी करने के नियमों में संशोधन कर 65, 70 व 75 साल की उम्र में बेसिक पेंशन में 5 प्रतिशत बढ़ोतरी करने कम्युटेशन राशि को 15 सालों की बजाय 10 साल 8 महीने में रिकवरी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी उपरोक्त मांगों के अलावा लेबल कोड्स को वापस लेने,पुरानी पेंशन बहाली, निजीकरण पर रोक , खाली पदों को स्थाई भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार देने, ठेका संविदा कर्मियों को नियमित करने आदि मांगों को लेकर आगामी 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल करेंगे और सरकार पर दबाव बनाएंगे।
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