सूत्रों के हवाले से बताया कि सीजफायर के पहले भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और विदेश मंत्रियों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। दोनों देशों के आर्मी ऑपरेशन महानिदेशकों (DGMO) के बीच ही बातचीत हुई थी।
पाकिस्तान से जंग के हालात के बीच पीएम मोदी ने आर्मी से कहा था, 'वहां से अगर गोली चली तो हम यहां से गोला चलाएंगे।' कश्मीर पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है, अब केवल एक ही मामला बचा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की वापसी। बात करने के लिए और कुछ नहीं है। अगर वे आतंकवादियों को सौंपने की बात करते हैं, तो बात कर सकते हैं।'
उन्होंने कहा, 'मेरा किसी और विषय पर कोई इरादा नहीं है। हम नहीं चाहते कि कोई मध्यस्थता करे। हमें किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।' हालांकि न्यूज एजेंसी ANI ने यह नहीं बताया कि पीएम ने यह बात कहां और कब कही थी।
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