फरीदाबाद 20 मई - ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन जिला कमेटी फरीदाबाद के सैकड़ो कर्मचारियों ने राज्य कमेटी के आवाहन पर आज उपायुक्त कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम 15 सूत्री मांगों का ज्ञापन सीटीएम अंकित कुमार को सौपां ।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिले के सैकड़ो कर्मचारी आज सवेरे टाउन पार्क में एकत्रित हुए यहां पर एक सभा हुई। इसकी अध्यक्षता जिला कोषाध्यक्ष दिनेश पाली ने की जबकि संचालन जिला सचिव राजू बहादुरपुर ने किया। यहां पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि आज 20 मई को केंद्र और राज्य सरकारों की मजदूर किसान, कर्मचारी, छात्र, महिला, विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे देश में हड़ताल होनी थी। लेकिन देश के मौजूदा हालातों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने इस हड़ताल को 9 जुलाई 2025 को करने का फैसला लिया। उस फैसले के तहत ही केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आज के दिन विरोध प्रदर्शन, धरने, जुलूस आयोजित करने का निर्णय लिया था। इसी के तहत आज कर्मचारियों ने प्रदर्शन करके पंचायत एवं विकास अधिकारीयों के रवैए के खिलाफ जमकर नारे लगाए। कर्मचारी न्यूनतम वेतन 26000 रुपया प्रतिमाह करने और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का करने के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों को मनोज हंस फरीदाबाद के प्रधान विक्रम और जिला कमेटी के उप प्रधान नरेश पावटा ने भी संबोधित किया। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए जिला सचिव ने बताया कि सफाई कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर 10 लाख रुपया सहायता राशि लागू की जाए। सफाई कर्मियों के लिए ईपीएफ और ईएसआई में कवर होने की वेतन की सीमा को बढ़ाकर 27000 रुपए मासिक किया जाए। कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को सफाई कर्मचारियों की सेवा में लगाया जाए। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के लिए साल में कम से कम चार वर्दी, दो जोड़ी जूते के लिए ₹8000 वार्षिक वर्दी भत्ता दिया जाए। ठेकेदारी प्रथा के तहत लगाए गए डोर -टू- डोर के कर्मचारियों को विभाग के पैरोल पर लिया जाए। तथा उनको पहले से कार्यरत ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के बराबर वेतन और भत्ते दिए जाएं। इसके साथ-साथ सफाई कर्मचारी को दिवाली पर कानूनी बोनस और अनाज के लिए न्यूनतम ₹10000 अग्रिम भुगतान किया जाए। इसके अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों परिवहन क्षेत्र के मजदूरों ,वाहन चालकों रेहड़ी ,पटरी, मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा के क़ानून बनाए जाएं। मजदूर किसान एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों को वापस लिया जाए। पुरानी पेंशन स्कीम बहस की जाए नौकरी से निकलेंगे सभी ठेका कर्मियों को वापस लियाजाए। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत मजदूरों के अप्रैल माह का वेतन भुगतान तुरंत
किया जाए । सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाया जाए न्यूनतम पेंशन कम से कम ₹10000 प्रति माह की जाए। मनरेगा में 200 दिन का काम और न्यूनतम मजदूरी ₹800 दी जाए। निर्माण श्रमिकों सहित मजदूरों के लिए बने विभिन्न बोर्डो को मजबूत किया जाए। ठेका प्रथा निजीकरण बंद किया जाए। कच्चे कर्मचारीयों को पक्का किया जाए। मजदूर विरोधी लेबर कोडर्स रद्द किए हैं। आज मिड डे मील वर्करों ने भी अपनी मांगों और समस्याओं के समाधान हेतु देश के प्रधानमंत्री के नाम भी सीटीएम को ज्ञापन सोपां। इस अवसर पर जिला प्रधान कमलेश भी मौजूद रही।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ₹26000 वेतन देने की बात कही थी। उसे तुरंत प्रभाव से जारी करना चाहिए।
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