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फरीदाबाद 30 मई - सीटू जिला कमेटी फरीदाबाद ने आज सीटू का स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर सीटू के झंडे हाथ में लेकर साथियों ने नारे लगाए। सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि आज से 55 वर्ष पूर्व 30 मई 1970 को सीटू की स्थापना हुई थी। सीटू का नारा एकता और संघर्ष का है। जो मई 1970 में इसके स्थापना के सम्मेलन के बाद निकाला था।
आज भी यह नारा इसकी स्थापना के बाद से अधिक प्रासंगिक और महत्व पूर्ण है। उन्होंने बताया कि आज हमारे देश का मजदूर वर्ग गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। इससे न केवल मजदूरों के कामकाज और जीवन शैली पर प्रभाव पड़ रहा है। बल्कि उनकी एकता पर भी गंभीर हमले हो रहे है। उन्हें बताया कि असल में स्थापना दिवस देश की तमाम केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आवाहन पर 20 मई को होने वाली देशव्यापी हड़ताल के बाद मनाया जाना था। क्योंकि यह यह हड़ताल अपने आप में ऐतिहासिक और अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल होती। लेकिन देश में परिस्थितियों सामान्य नहीं थी। इसलिए हड़ताल 9 जुलाई तक बढ़ा दी गई। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई को केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ देश में भारी हड़ताल होगी। क्योंकि केंद्र की सरकार श्रम कानूनों में संशोधन करके चार श्रम संहिताएं लागू करवाने के लिए आमदा हो रही है। इन कानूनों के लागू होने से श्रमिकों के सारे अधिकार छीन जाएंगे। नियमित रोजगार समाप्त हो जाएगा। काम के घंटे 8 से बढ़कर 12 हो जाएंगे। किसी भी प्रकार का ओवर टाइम और बोनस इत्यादि सुविधाएं मिलनी बंद हो जाएगी। केंद्र और राज्यों की सरकारें मजदूरो से यूनियनें बनाने का अधिकार छीनना चाहती है। चार श्रम संहिताओं में मालिकों को अधिक अधिकार दिए गए हैं। जबकि मजदूर वर्ग को मिलने वाली सुविधाओं में कटौतियां जारी हैं। इसलिए पूरे देश का श्रमिक वर्ग केंद्र और राज्य सरकारों की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आम हड़ताल में भाग लेगा। आज के कार्यक्रम में सीटू के प्रधान निरंतर पाराशर, उप प्रधान शिवप्रसाद, सचिव विजय झा, जिला कमेटी सदस्य सविता, जिला सीटू केंद्र के सदस्य धीरेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।
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