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फरीदाबाद। शहर सेक्टर 12 फरीदाबाद के रहने वाले और इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया जिला इकाई फरीदाबाद के पत्रकार संघ अध्यक्ष समाजसेवी वरिष्ठ पत्रकार डॉ मोहन तिवारी ने पटना मेडिकल कॉलेज में यूट्यूबर मनीष कश्यप के साथ कथित मारपीट और 3 घंटे तक बंदी बना कर रखने मामले में स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार, एस.एस.पी पटना और थाना पीरबहोर
को शिकायत पत्र भेज कर सीसीटीवी फुटेज को प्रिजर्व/सुरक्षित करने की मांग के साथ साथ दोषीगण के खिलाफ शख्त से शख्त कार्यवाही की करने की मांग किया है। समाजसेवी वरिष्ठ पत्रकार डॉ मोहन तिवारी ने कहा कि संविधान द्वारा मिले उसके लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत जनहित की मुद्दो को लेकर समय समय पर आंदोलन व अनशन करके सरकार की खामियों को उजागर करके सरकार का ध्यान केंद्रित कर समस्या का निस्तारण करने का प्रयास करते आ रहे है। उन्होंने कहा कि इसी कडी में स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार, एस.एस.पी पटना और थाना पीरबहोर को शिकायत पत्र भेज कर अवगत कराया है कि मीडिया में एक मामल काफी जोरो से चर्चा में है।
समाजसेवी वरिष्ट पत्रकार डॉ मोहन तिवारी ने कहां की यह एक सामाजिक व जनहित से जुड़ा मुद्दा है कि पटना मेडिकल कॉलेज में यूट्यूबर व सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कश्यप के साथ 19 मई दिन सोमवार को पटना मेडिकल कॉलेज में बहुत बुरी तरह से उसके साथ कथित मारपीट किया गया है जिसकी यह संगठन काफी निंदा करता है तथा इस मामले की निष्पक्ष हेतु आपसे कार्यवाही के लिए आग्रह करता है कि स्वतः इस मामले की संज्ञान लेकर हुए मारपीट की बी.एन.एस.एस की धारा 100 के तहत सभी संबंधित सीसीटीवी फुटेज प्रिजर्व/सुरक्षित करना नितान्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बिहार में सामाजिक व जनहित मुद्दों को लेकर आवाज उठाने पर डिजिटल सोशल मीडिया के पत्रकारों का आये दिन उत्पीड़न हो रहा है।
समाजसेवी वरिष्ठ पत्रकार डॉ मोहन तिवारी ने कहा कि मीडिया स्रोत से मिली जानकारी के मुताबिक पी.एम.सी.एच यूट्यूबर मनीष कश्यप के साथ हुई मारपीट के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा है। सोमवार को पटना के पी.एम.सी.एच में जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की थी और तकरीबन 3 घंटे तक बंधक बना लिया। वही मनीष कश्यप की टिम ने अपने फेसबुक पेज पर अस्पताल में भर्ती होने की तस्वीर भी साझा की है। जिसमें वो बेड पर लेटे है। दो नर्स उनका चेकअप कर रही हैं। आगे उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है की, सोमवार को मनीष एक मरीज की पैरवी करने पहुंचे थे।
मिली जानकारी के मुताबिक मनीष ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर्स से मरीज के साथ हो रही परेशानी और अंदर की व्यवस्था को लेकर सवाल करना शुरू कर दिया। जिसके बाद ड्यूटी में तैनात महिला डॉक्टर से बहस हो गई। बहस इतनी ज्यादा बढ़ गई कि धक्का-मुक्की के बाद मारपीट होने लगी। जिसकी निष्पक्ष जांच किया जाना अति आवश्यक है, क्योंकि यह सामाजिक व जनहित से जुड़ा मुद्दा है इसे निष्पक्ष इक्वल जस्टिस को ध्यान मे रख कर सभी के साथ मानवीयता व्यवहार व बिना किसी भेदभाव पूर्ण रहित उचित निष्पक्ष करवाई करने की अपेक्षा की जाती है तथा प्रत्येक व्यक्ति को मिले उसके संवैधानिक मौलिक अधिकारों का हनन होने से रोका जा सकता है।
श्री तिवारी ने कहा कि उक्त घटना के दिन,तिथि के समय की सीसीटीवी फुटेज प्रिजर्व / सुरक्षित कर दिया जाय तो असल कहानी जनता के सामने खुद ब खुद सामने आ जाएगी और जांच में मदत भी मिलेगी क्योंकि सीसीटीवी फुटेज हफ्ते या 10 दिन के बाद खुद ब खुद डीलीट हो जाती है जिसको सुरक्षित करने का निर्देश देना पी.एम.सी.एच प्रशाशन को बेहद जरूरी है। उनहीने कहा कि उक्त मामले की सीसीटीवी फुटेज को प्रिजर्व/सुरक्षित करना (पुराने कानून धारा 91 सीआरपीसी) और अब नये कानून बी.एन.एस.एस की धारा 100 कानून प्रावधान के तहत संबंधित थाना प्रभारी पीरबहोर की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ा तो आगे संगठन खुद इस मामले की तह तक जाकर असल जांच कर ठोस कार्यवाही करने के लिए ठोस कदम उठयेगा।
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