फरीदाबाद की जेल में पिछले से 4 साल बंद कैदी फिल्मी अंदाज में जेल में तैनात पुलिस कर्मचारियों को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस कर्मचारियों ने कोर्ट के जमानत के आदेश पर मारपीट के आरोपी की जगह पॉक्सो के केस में जेल काट रहे आरोपी को रिहा कर दिया।
जब वकील अपने क्लाइंट को ना छोड़े जाने पर वापस कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट मे जेल प्रशासन से मामले में जवाब मांगा, जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ।
जेल अधीक्षक हरेंद्र सिंह को जब इस मामले का पता चला तो जेल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जेल अधीक्षक ने पुलिस कर्मचारियों की लापरवाही पर कार्रवाई करते हुए 5 पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। इनमें असिस्टेंट मोहनलाल, सब असिस्टेंट प्रदीप त्यागी, हवलदार राजेंद्र और दो वार्डन संजीव व राजेश शामिल हैं
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सेक्टर-58 थाना में साल 2021 के पॉक्सो एक्ट के केस में आरोपी नितिश पांडे पिछले 4 साल से जेल में बंद था। इसी बीच 25 मई को नितेश नाम के एक युवक को ओल्ड फरीदाबाद थाने के अंतर्गत मारपीट के चलते गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
26 मई को अदालत ने उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए तो जेल प्रशासन ने नितेश की जगह नितिश पांडे को रिहा कर दिया। इसके बाद जब नितेश की रिहाई नहीं हुई तो उनके वकील ने फिर से र्काट का रुख किया और कोर्ट को बताया कि नितेश कुमार को रिहा नहीं किया गया है और जब जेल प्रशासन ने जवाब दिया तब यह पूरा मामला सामने आया कि, जेल प्रशासन ने मारपीट के आरोपी को जमानत पर छोड़ने की बजाय रेप के आरोपी को रिहा कर दिया है।
आरोपी नितिश पांडे बिहार पटना का मूल निवासी है और यहां राजीव कॉलोनी रामबाबू का मकान में किराये पर रहता था ।
जेल में पिछले 4 साल से बंद आरोपी नितिश पांडे के पिता का नाम रविन्द्र पांडे है। जबकि मारपीट के मामले में 2 दिन के लिए जेल गए आरोपी का नाम नितेश है और उसके पिता का नाम रविन्द्र है।
जेल से जब भी कोई कैदी जमानत पर बाहर आता है तो इक लंबी प्रक्रिया के बाद उसको जेल से बाहर दिया जाने जाता है। अब ऐसे में इस तरह के मामला का खुलासा होने के बाद जेल की सुरक्षा प्रणाली को लेकर सवार उठ रहे हैं। जेल से बाहर आने के लिए कैदी को इन चरणों से गुजरना होता है।
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