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हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी इन दिनों अपने ही ऑफिस (CMO) से नाराज हैं। इसकी बड़ी वजहें कॉन्ट्रोवर्सी, फीडबैक में कमी से लेकर सोशल मीडिया पोस्ट तक सामने आई हैं। अधिकारियों की वजह से CM कई बार विवाद में फंसने से बचे हैं। इसी वजह से CM ने अपने स्तर पर मॉनिटरिंग बढ़ा दी है और करीबियों से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है।
इसे लेकर ब्यूरोक्रेसी में भी हलचल है, क्योंकि बहुत जल्दी यहां कुछ नए अधिकारियों की नियुक्ति की जा सकती है। इसके अलावा कुछ पूर्व मंत्रियों को भी एडजस्ट किया जा सकता है। इसको लेकर चंडीगढ़ से दिल्ली तक लॉबिंग हो रही है। CMO में फिलहाल 20 अधिकारियों की टीम है। इनमें से 12 अधिकारी पिछले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ भी काम कर चुके हैं।
हरियाणा CMO में फीडबैक विंग बनाई गई है। इसके संचालन के लिए सीनियर फीडबैक विंग ऑफिसरों की तैनाती की गई है। यह विंग CM सैनी को सरकार की योजनाओं से संबंधित डेटा और कंटेंट उपलब्ध कराती है। CM को इस विंग से समय से डेटा नहीं मिल रहा है। विधानसभा सेशन, डेली रिपोर्ट जैसे कई मामलों में देरी हुई है। कई बार जब CM को फीडबैक टीम से डेटा नहीं मिलता है तो उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। साथ ही केंद्र तक भी सही डेटा नहीं पहुंच पाता है।
- CMO में CM का सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने के लिए अलग से नियुक्तियां की गई हैं। ये CM की सोशल मीडिया पोस्ट का पूरा संचालन देखते हैं। हालांकि, हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी पोस्टें डाल दी गईं, जिनमें हिंदी भाषा में कई त्रुटियां मिलीं। इन पोस्टों को विपक्षी दलों ने वायरल भी किया, जिसे लेकर CM खासे नाराज रहे।
- 8 मार्च को महिला दिवस पर एक विवादित समाजसेविका रेखा धीमान को सार्वजनिक मंच पर CM नायब सैनी द्वारा इंदिरा गांधी पुरस्कार प्रदान किया गया था। इस पर विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद CMO ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की थी और CMO के अधिकारियों और कर्मचारियों को CM ने फटकार भी लगाई थी।
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