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फरीदाबाद, 23 अप्रैल - जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के स्वास्थ्य केंद्र ने बल्लभगढ़ सरकारी अस्पताल के सहयोग से आज विद्यार्थियों को एचआईवी एवं एड्स और तपेदिक (टीबी) की रोकथाम, उपचार और इससे जुड़े कलंक को कम करने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. अंकुर शर्मा, मेडिकल ऑफिसर के मार्गदर्शन में किया गया और स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों द्वारा समन्वित किया गया।
बल्लभगढ़ सरकारी अस्पताल के एकीकृत परामर्श और परीक्षण केंद्र (आईसीटीसी) के काउंसलर श्री पंकज नागर ने इस परिचर्चा सत्र का नेतृत्व किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए, उन्होंने टीबी के प्रसार, प्रारंभिक निदान और डीओटीएस (डायरेक्टली ऑब्जर्व्ड ट्रीटमेंट शॉर्ट-कोर्स) के माध्यम से उपचार पूरा करने की महत्वपूर्ण भूमिका को स्पष्ट किया। श्री नगर ने बताया कि टीबी पूरी तरह ठीक हो सकती है, लेकिन मिथक और अधूरे उपचार चक्र इसके प्रसार को बढ़ावा देते हैं।
एचआईवी एवं एड्स जागरूकता पर, श्री नागर ने प्रसार के मार्गों को स्पष्ट करते हुए सुरक्षित चिकित्सा पद्धतियों और नियमित जांच जैसे निवारक उपायों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कलंक रोगियों को अलग करता है और रोकथाम के प्रयासों को बाधित करता है। मुफ्त एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) और सरकारी पहलों के बारे में शिक्षित करने से जीवन बचाया जा सकता है। इस सत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर उपलब्ध मुफ्त निदान और उपचार पर प्रकाश डाला गया। साथ ही प्रतिभागियों से अपने आस-पड़ोस में जागरूकता लाने का आह्वान किया गया।
कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम चिकित्सा प्रगति और जमीनी स्तर पर जागरूकता लाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
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