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पृथ्वी दिवस - जेआरसी की प्लास्टिक से छुटकारा पाने की अपील

Posted by : pramod goyal on : Monday, 21 April 2025 0 comments
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 हमारी शक्ति - हमारा ग्रह, पृथ्वी दिवस के अवसर पर गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में मनाए जा रहे धरा सप्ताह के अंतर्गत आज दूसरे दिवस पर जूनियर रेडक्रॉस और सेंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड के माध्यम से व्याख्यान द्वारा प्लास्टिक के बहिष्कार की अपील की गई। विद्यार्थियों को बताया गया


कि विकास की आंधी में न जाने कितने वृक्षों की बलि चढ़ गई। मेट्रो का इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करते समय कहा गया था कि एक लाख से भी अधिक वृक्ष लगाए जाएंगे, यदि ये वृक्ष लग गए होते तो स्थितियां भिन्न होती। आज सड़के बन रही है, निर्माण के समय एवम निर्माण के पश्चात भी निर्माण सामग्री एवम मलबा महीनों तक सड़क किनारे पड़े रहने से हरे भरे वृक्ष भी धूल से अटे पड़े हैं। सड़कों से धूल हटाए जाना बहुत ही आवश्यक है अधिक से अधिक पेड़ उगाना ही महत्वपूर्ण नहीं बल्कि पेडों का संरक्षण, स्वच्छता, कूड़ा प्रबंधन एवम सूखे पत्तों का निस्तारण भी उतने ही महत्वपूर्ण घटक हैं। यद्यपि विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवम विभिन्न संगठनों द्वारा पौधरोपण की दिशा में किया जा रहा कार्य बहुत ही सराहनीय है। परंतु मात्र आंकड़ों के आधार पर वनों को संरक्षित नही किया जा सकता। दृढ़ इच्छा शक्ति और उपलब्ध क्षेत्र पर उचित संसाधनों के साथ पौधरोपण, पौधों का संरक्षण तथा पेड़ों के बड़े होने तक नियमित रूप से पानी की व्यवस्था, अरावली क्षेत्र में सघन पौधरोपण, अरावली पर्वतमाला का संरक्षण और सख्ती से किर्यान्वन समय की आवश्यकता है। वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए सामान्य नागरिकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है सामान्यतः बहुत से नागरिक अपने घरों के सामने से पार्किंग अथवा अन्य कारणों से बड़े बड़े पेड़ो को किसी न किसी करना से कटवा देते हैं या नष्ट कर देते हैं, इस प्रवृत्ति से हमें बचना होगा और प्रशासन को भी कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। स्वच्छता, कूड़ा एवम अपशिष्ट प्रबंधन, कूड़े और प्लास्टिक का वैज्ञानिक निस्तारण, पुनः चक्रण, वेस्ट मैटेरियल से सड़कों का निर्माण, फर्नीचर निर्माण सहित अनगिनत क्षेत्र है जो पर्यावरण एवं वन संरक्षण के लिए बहुत ही कारगर हो सकते हैं समय की आवश्यकता है कि स्वार्थों और अकर्मण्यता से उठ कर कार्य करने का जीवट दर्शाएं ता कि वन संरक्षण दिखाई दे। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा, प्राध्यापिका दीपांजलि, अध्यापक दिनेश एवं अन्य अध्यापकों, स्टाफ सदस्यों और विद्यार्थियों ने संकल्प लिया कि पृथ्वी को बचाना है जीवन को बचाना है तथा प्लास्टिक को हटाना है।

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