फरीदाबाद- शहर सेक्टर 12 फरीदाबाद निवासी समाजसेवी।, राजनितिक विश्लेषक डॉ मोहन तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाएं गए वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव को लेकर देश भर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। फ़ैसला किसके पक्ष में आएगा ये तो समय के साथ पता चल जायेगा लेकिन इस वक्त यह विषय गर्भ में है। समाजसेवी, राजनितिक विश्लेषक, डॉ मोहन तिवारी ने कहा कि हालांकि सीजेआई संजीव खन्ना के इतने तीखे सवाल से जरूर चर्चा का विषय बन गया है। वही कानून के कुछ जानकारों को लग रहा है की शायद भाजपा केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए वक्फ बोर्ड कानून में अंतिम कील सुप्रीम कोर्ट ठोक सकता है जिसकी इशारा इतने तीखे सवाल से जरूर प्रतीत होता दिखाई पड़ रहा है।
समाजसेवी, राजनितिक विश्लेषक, डॉ मोहन तिवारी ने कहा कि वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं के बीच तीखे सवाल-जवाब भी हुए। सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को वक्फ संशोधन बिल पर फिर सुनवाई हुई। माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस बारे में सुप्रीम कोर्ट कोई अंतरिम आदेश भी जारी कर सकता है। वही गुरुवार को इस मामले में हुई सुनवाई में जहां वक्फ बिल को चुनौती देने वाली याचिकाओं के पक्ष में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलीलें रखीं तो सुप्रीम कोर्ट ने उनकी हर दलीलों पर सवाल भी कर डाले वहीं, जब केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता तर्क दे रहे थे तो सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने तीखे सवाल भी पूछ डाले। बृहस्पतिवार को भी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई जस्टिस खन्ना ने जवाब देने के लिए सरकार को एक हफ्ते का वक्त दिया। साथ ही अगले आदेश तक यथास्थिति बहाल रखने को कहा है।
समाजसेवी, राजनितिक विश्लेषक, डॉ मोहन तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सिर्फ 5 याचिकाएं ही देने को कहा है, साथ ही तब तक वक्फ बोर्ड में कोई बहाली भी नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि जो भी संपत्तियां न्यायालय द्वारा वक्फ घोषित की गई हैं, उन्हें गैर-वक्फ नहीं माना जाएगा, चाहे वो वक्फ बाय यूजर से की गई हों या नहीं। वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट तीन सवालों पर दोनों पक्षों के दलीलों को सुनकर अंतरिम आदेश 5 मई को जारी कर सकता है हालंकि अगली सुनवाई तक केंद्र सरकार को जरूर जवाब देने के लिए वक्त दिया है। समाजसेवी, राजनितिक विश्लेषक, डॉ मोहन तिवारी ने कहा कि अब अगली सुनवाई तक ही इंतजार करना होगा, हालांकि इस वक्फ बोर्ड कानून को लेकर देश भर की निगाहें टिकी हुई है।
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