HEADLINES


More

विश्व मलेरिया दिवस - मलेरिया दिवस पर मच्छरों से बचाव का संदेश दिया

Posted by : pramod goyal on : Thursday, 24 April 2025 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

 शिक्षा विभाग के आदेशानुसार विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने मच्छरों से बचाव का संदेश दिया। जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि यह दिवस विश्व भर में


मलेरिया को रोकने और नियंत्रित करने के लिए निरंतर निवेश और निरंतर राजनीतिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता का प्रतीक है। इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व स्तर पर यह दिन मनाया जाता है जो की मानव जाति के लिए खतरा बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यू एच ओ ने विश्व मलेरिया दिवस को मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग विषय के तहत चिह्नित किया है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि मलेरिया वाटर बॉर्न डिजीज है और यह मलेरिया मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने से फैलता है। इन मच्छरों में प्लास्मोडियम पैरासाइट पाया जाता है जो व्यक्ति के रक्त से होकर शरीर में फ़ैल जाता है। विशेष कर लीवर में पहुंच कर यह स्थायी हो जाता है। इसके बाद वह लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करने लगता है। इस से लाल रक्त कोशिकाओं के परजीवी कई गुना बढ़ जाते हैं। रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि हर वर्ष पूरे विश्व में इस रोग से बहुत व्यक्ति जीवन खो देते हैं तथापि इसके प्रति आज भी जागरूकता नहीं है। मरने वालों में ग्रामीण और अविकसित क्षेत्र के लोगों की संख्या अधिक होती है। उन्होंने बताया कि मलेरिया के कुछ लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं मलेरिया होने पर बुखार आना, घबराहट होना, सिरदर्द, हाथ पैर में दर्द, कमजोरी आदि लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों का अधिक समय तक उपचार न करना स्थिति को गंभीर कर सकता है। मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी में प्रत्येक वर्ष कई लाख व्यक्ति मृत्यु के मुख में समा जाते हैं। मलेरिया प्रोटोजुअन प्लाज्‍मोडियम नामक कीटाणु मादा एनोफिलीज मच्छर के माध्यम से फैलता है। पूरे विश्व की जनसंख्या में लगभग एक सौ छ देश हैं जिनमें मलेरिया का प्रकोप है वर्ष दो हजार बीस में मलेरिया के कारण लगभग छह लाख सत्ताईस हजार मृत्यु हुई। प्राचार्य मनचंदा, प्राध्यापिका ममता, सुशीला, सरिता, दीपांजलि, पी टी आई दिनेश और छात्र छात्राओं ने मलेरिया की गंभीरता को समझने और इस से बचाव का संदेश देते हुए स्वच्छता रखने, पानी को न ठहरने देने एवम शरीर के सभी अंगों को ढक कर रखने की अपील की। कल इसी विषय पर क्विज, पेंटिंग और जागरूकता रैली का भी आयोजन किया जाएगा।

No comments :

Leave a Reply