पलवल में विकास एवं पंचायत विभाग में हुए 50 करोड़ रुपए की राशि गबन के मामले में एसीबी ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। इस चार्जशीट में राकेश, क्लर्क कार्यालय बीडीपीओ, सतपाल, कर्मचारी खजाना कार्यालय, शमशेर सिंह, रिटायर्ड एसओ, निदेशक विकास एवं पंचायत विभाग, विजेन्द्र कुमार, सहायक कार्यालय खजाना, अनूप कुमार, क्लर्क, विवेक कुमार, स्टेनो, दीपक कुमार (फर्म दीपक मैनपावर) व गौतम, कम्पयुटर ऑपरेटर के नाम शामिल हैं। ये सभी आरोपी अभी जेल में बंद हैं।
इस प्रकरण में अभी एक गिरफ्तारी होनी बाकी है। एसीबी डीडीपीओ ऑफिस, पलवल के कंप्यूटर ऑपरेटर तेजेंद्र सिंह की तलाश कर रही है।
मामला यह था कि कार्यालय निदेशक, विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा के कार्यालय में प्रधान महालेखाकार हरियाणा से प्राप्त ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया था कि उनके कार्यालय के मुख्य लेखा अधिकारी की लॉगिन आईडी से बिना उचित अनुमति व बिना उच्च अधिकारी की मंजूरी के वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 में कार्यालय डीडीपीओ पलवल को बहुत अधिक बजट आवंटित किया गया है। इस आवंटित बजट में से ज्यादातर राशि की बार-बार अदायगी कार्यालय बीडीपीओ हसनपुर, जिला पलवल द्वारा एक निजी फर्म मैसर्ज दीपक मेन पावर सर्विस को की गई है।
कार्यालय बीडीपीओ हसनपुर को यह बजट फर्जी अलॉट किया गया है, क्योंकि बजट की मांग व अलॉटमेंट से संबंधित कोई दस्तावेज फाइलों में नहीं पाए गए। इस सम्बन्ध में एसीबी फरीदाबाद द्वारा 24 जनवरी को धारा 7, 13(1)(ए) सहपठित 13(2) पीसी एक्ट, 61(2), 316(2), 316(5), 318, 318(4), 336(3), 338 बीएनएस व 43, 66-सी आई.टी. एक्ट थाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, फरीदाबाद दर्ज में किया गया था।
एसीबी की तफ्तीश के दौरान अभी तक गिरफ्तार 8 आरोपियों से गबन की गयी धनराशि में से करीब 4,54,75,950 रुपए बरामद हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त तफ्तीश के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपियों द्वारा की गई सरकारी गबन राशि में से आरोपी राकेश क्लर्क द्वारा गांव हसनपुर में करीब 19 एकड़ जमीन अपनी भाभी, मां व अपने पिता के नाम, आरोपी शमशेर सिंह द्वारा कलायत जिला कैथल में 3 एकड़ 15 मरले कृषि भूमि, एक प्लाट सेक्टर-26, पंचकूला व एक प्लाट सेक्टर -28 पंचकूला में अपनी पत्नी के नाम, आरोपी सतपाल द्वारा एक प्लाट मथुरा (उत्तर प्रदेश) में स्वयं के नाम व आरोपी दीपक द्वारा गांव शेखपुरा में 1 कनाल 15 मरले कृषि भूमि स्वंय के नाम से खरीद की है। इन सभी अचल संपत्तियों की कुर्की की कार्यवाही माननीय अदालत में अलग से चलाई जा रही है।
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