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फरीदाबाद,10 अप्रैल,
रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा की बृहस्पतिवार को जिला कमेटी की विस्तारित बैठक प्रधान नवल सिंह नरवत की अध्यक्षता में नगर निगम मुख्यालय में हुई।
जिला सचिव लज्जा राम द्वारा संचालित इस बैठक में रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान मास्टर वजीर सिंह और अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा,उप प्रधान यूएम खान व आशा शर्मा, एसकेएस के पूर्व आडीटर श्रीपाल सिंह भाटी व जिला प्रधान करतार सिंह भी पहुंचे और बैठक को संबोधित किया। राज्य प्रधान वजीर सिंह ने कहा कि आठवें केन्द्रीय पे कमीशन लागू होने से पहले वाले पेंशनभोगियों को पेंशन रिवाइज करने या न करने का अधिकार प्राप्त करने की लिए बजट सत्र में वित्त विधेयक पास करवाने की धोर निंदा की और 22 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि समाज को बांटने में माहिर भाजपा सरकार ने पेंशनर्स को बांटने का योजनाबद्ध तरीके से लोकसभा के बजट सत्र में गुपचुप तरीके से वित्त बिल में उक्त संशोधन करवाया है। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स में जाति एवं धर्म के आधार पर बंटवारा नहीं हुआ तो अब पेंशनर्स को भी दो हिस्सों में बांटने का काम किया है। जिला प्रेस प्रवक्ता सतपाल नरवत ने कहा कि 22 अप्रैल को डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों की संख्या में पेंशनर्स भाग लेंगे।
जिला सचिव लज्जा राम द्वारा संचालित इस बैठक में रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान मास्टर वजीर सिंह और अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा,उप प्रधान यूएम खान व आशा शर्मा, एसकेएस के पूर्व आडीटर श्रीपाल सिंह भाटी व जिला प्रधान करतार सिंह भी पहुंचे और बैठक को संबोधित किया। राज्य प्रधान वजीर सिंह ने कहा कि आठवें केन्द्रीय पे कमीशन लागू होने से पहले वाले पेंशनभोगियों को पेंशन रिवाइज करने या न करने का अधिकार प्राप्त करने की लिए बजट सत्र में वित्त विधेयक पास करवाने की धोर निंदा की और 22 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि समाज को बांटने में माहिर भाजपा सरकार ने पेंशनर्स को बांटने का योजनाबद्ध तरीके से लोकसभा के बजट सत्र में गुपचुप तरीके से वित्त बिल में उक्त संशोधन करवाया है। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स में जाति एवं धर्म के आधार पर बंटवारा नहीं हुआ तो अब पेंशनर्स को भी दो हिस्सों में बांटने का काम किया है। जिला प्रेस प्रवक्ता सतपाल नरवत ने कहा कि 22 अप्रैल को डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों की संख्या में पेंशनर्स भाग लेंगे।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा नीत एनडीए सरकार ने अधिकतर श्रम कानूनों को खत्म कर पूंजीपतियों के हकों में चार लेबर कोड्स बना दिया है, जिसको अब सभी राज्यों में लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।यह लेबर कोड्स लागू होने के बाद यूनियन बनाने, सामूहिक सौदेबाजी करने, हड़ताल धरने प्रदर्शन करने आदि का अधिकार समाप्त हो जाएगा। हड़ताल करने पर कारावास व भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स ठेका कर्मियों को रेगुलर करने का सरकार का एजेंडा ही नहीं है। महंगाई, बेरोजगारी, भूखमरी लगातार बढ़ रही है। सरकारी विभागों को मजबूत करने की बजाय उन्हें सिकोड़ा जा रहा है कि पीएसयू को कोड़ियां के भाव में बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के बीस करोड़ से ज्यादा मजदूर, कर्मचारी एवं पेंशनर्स 20 मई को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल कर सरकार को करारा जवाब देंगे।
बैठक में निम्नलिखित मांगों को प्रमुखता से उठाया गया
पेंशन कोमूट की राशि को 15 की बजाय 10 साल 8 महीने के बाद बंद किया जाए।
पैंशनर्ज को 65 वर्ष की आयु पर 10 और 75 वर्ष की आयु होने पर 20 प्रतिशत बेसिक पेंशन बढ़ौतरी दी जाए।
मेडिकल भत्ता बिना शर्त 3 हजार रुपए मासिक दिया जाए और पैंशनर्ज को सभी बिमारियों में कैशलैस सुविधा प्रदान की जाए।
वरिष्ठ नागरिकों को एसी व वोल्वो निजी बसों के किराए रियायत मिले और रेल यात्रा में पहले की तरह सब्सिडी दी जाए।
कोविड 19 में फ्रिज किए 18 महीने के महंगाई राहत रिलीज किया जाए।
पारिवारिक पेंशनर्स को एलटीसी की सुविधा दी जाए।
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