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मांगों की अनदेखी से नाराज़ सैकड़ों आशा वर्करों ने सीएमओ आफिस पर किया प्रदर्शन

Posted by : pramod goyal on : Monday, 24 March 2025 0 comments
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 फरीदाबाद,24 मार्च।


आशा वर्कर्स एंड फैसिलिटेटर फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के आह्वान पर मंगलवार को सैकड़ों आशा वर्कर्स ने बीके हस्पताल में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद सीएमओ कार्यालय पहुंचकर डिप्टी सीएमओ के माध्यम से केंद्र सरकार को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। जिसमें सैकड़ों आशा वर्करों एवं फैसिलिटेटर ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व यूनियन की जिला प्रधान हेमलता ,जिला सचिव सुधा, नेहा जोशी जिला कैशियर, ,सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर पूजा गुप्ता सुशील चौधरी चंद्रप्रभा आदि मौजूद रहें। 
प्रदर्शनकारी अपनी मांगों के समर्थन में एवं केंद्र व राज्य सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी के खिलाफ गगनभेदी नारे लगा रहे थे। 
सर्व कर्मचारी संघ के राज्य के वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री हरियाणा भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में आशा वर्कर्स अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करके भारत सरकार के नाम ज्ञापन दिया है । केंद्र और राज्य सरकार आशा वर्कर्स के काम को बहुत ही महत्वपूर्ण मानती है। परंतु केंद्र और राज्य सरकार आशा वर्कर के कार्यों की प्रोत्साहन राशि नहीं बढ़ाती है । जिला सचिव सुधा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले 12 वर्ष से आशा की प्रोत्साहन राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है आशाओं के काम केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बढ़ा रही है। आशा वर्कर से फील्ड में स्वास्थ्य से संबंधित सारे कार्यों को करते हुए उनका रखरखाव रखने का दबाव बनाया जाता है और अब तो सरकार ने हद ही कर दी है। आशा वर्कर्स को बिना कोई प्रोत्साहन राशि दिए डिजिटल कार्य भी करवा रही है। जिसके कारण देश की तमाम 10 लाख आशा वर्कर्स बहुत परेशान है। जिला प्रधान हेमलता ने कहा कि जब आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार के पास जाती है तो राज्य सरकार केंद्र की स्कीम कहकर आशाओं के मानदेय में बढ़ोतरी करने में असमर्थ दिखाई देती है। जब आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के पास जाती है तो केंद्र सरकार राज्य का मसला कह कर टालने के प्रयास करती है । सरकार के रवैए से आशा वर्कर्स बहुत नाराज है और आशा वर्कर्स ने पूरे देश में आंदोलन करने का निर्णय लिया है। अगर आशा वर्कर्स की मांग और समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो पूरे देश में आशा वर्कर्स का बड़ा आंदोलन किया जाएगा । आशा वर्कर केंद्र और राज्य सरकार से मांग करती है कि जल्द उनकी समस्याओं का और समाधान किया जाए। 

*राज्य सरकार से मांग*


*वर्ष 2023 में आशा वर्कर्स की हड़ताल के दौरान 73 दिन के काटे गए मानदेय का तुरंत भुगतान किया जाए। और राज्य स्तरीय समस्याओं का समाधान करने के लिए आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल के साथ हरियाणा सरकार वार्ता करके राज्य के स्तर की समस्याओं का, समाधान किया जाए।*



*केंद्र सरकार से आशा वर्कर्स की मांग*

1 एनएचएम को स्थाई प्रोग्राम बनाकर आशा वर्कर को पक्का कर्मचारी बनाया जाए । जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक 45 वें 46 वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश को लागू करते हुए आशाओं को न्यूनतम वेतन 26000 दिया जाए। 

2. पूरे देश में एक समान कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित कि जाऐ। 

3. 6 माह का सवेतन मातृत्व अवकाश, 20 दिन का आकस्मिक अवकाश और चिकित्सा अवकाश सुनिश्चित किया जाए।

4. पेंशन तक कोई सेवानिवृत्ति नही जाऐ।

5. आशा कार्यकर्ताओं की वरिष्ठता के आधार पर अन्य पदों पर पदोन्नति सुनिश्चित कि जाऐ।

6. सभी पी.एच.सी./सी.एच.सी. और अस्पतालों में 'आशा विश्राम कक्ष' बनाऐ जाए । 

7. आशा कार्यकर्ताओं को स्कूटर दिया जाए तथा ड्यूटी के लिए यात्रा व्यय का भुगतान किया जाए।

8. डिजिटलीकरण के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले टैबलेट, डेटा पैक, नेटवर्क और प्रशिक्षण उपलब्ध करवाई जाए।

9. सभी तरह के ऑनलाइन काम के आशा वर्कर्स को इंसेंटिव दिए जाएं । 

10. सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे और अस्पतालों सहित सभी बुनियादी सेवाओं के निजीकरण के प्रस्ताव पर रोक लगाई जाए । और सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत किया जाऐ।

 12. चार श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए l, आशा और सुविधाकर्ताओं को श्रम कानूनों के दायरे में शामिल किया जाए l

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