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हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन फरीदाबाद कमेटी के बैनर तले विश्व जल दिवस का आयोजन

Posted by : pramod goyal on : Saturday, 22 March 2025 0 comments
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 फरीदाबाद 22 मार्च - हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन जिला कमेटी फरीदाबाद के बैनर तले आज विश्व जल दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यालय परिसर में एक सभा  हुई।इस सभा की अध्यक्षता जिला प्रधान देवी सिंह ने की जबकि संचालन जिला सचिव राजकुमार ने किया। इस मौके पर राज्य कमेटी के पूर्व केंद्रीय कमेटी सदस्य हितेश शर्मा और वीरेंद्र सिंह डंगवाल विशेष रूप से उपस्थितरहे। अपने संबोधन में


उन्होंने इस दिवस के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और बताया कि विश्व के सभी देशों को स्वच्छ एवं सुरक्षित जल  उपलब्ध कराना  ‌इस   दिवस का मकसद है। साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी हमें ध्यान केंद्रित करना चाहिए ।उन्होंने बताया कि ब्राजील में रियो दी जेनेरियों में वर्ष 1992 में ‌हुए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन  में विश्व जल दिवस को मनाने की पहल हुई थी।    वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी सामान्य सभा के द्वारा निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह सच्चाई है। कि सभी जीवित प्राणियों की उत्पत्ति जल से हुई है। वैज्ञानिक अब पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर पहले पानी की खोज को प्राथमिकता देते हैं। पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियों नदी के पानी के किनारे विकसित हुई हैं। दुनिया में ‌ 99% पानी महासागरों, नदियों, झीलों झरनों आदि के रूप में है। केवल एक प्रतिशत या इससे भी कम पानी पीने के लिए उपयुक्त है। हालांकि पानी की बचत आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। केवल पानी की कमी पानी के अनावश्यक उपयोग के कारण बढ़ती आबादी और इसके परिणाम स्वरुप बढ़ाते औधौधिकरण के कारण शहरी मांग में वृद्धि हुई है। पानी की खपत बढ़ रही है। विश्व जल दिवस का नारा है। पानी नहीं तो जीवन नहीं, पानी बचाने के लिए हमें प्रयास करने होंगे ‌। फरीदाबाद में भूजल स्तर लगातार गिरते जा रहा है। हमारा शहर डार्क जोन में आ गया है। यहां आबादी लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार हमारी आबादी 14 लाख थी। जो आप 25 लाख हो चुकी है। हमको याद रखना चाहिए की 1980 के दशक में शहर में पानी घरों में लगे नलों में अपने आप आता था। मोटर चलाने की जरूरत नहीं पड़ती थी। फिर बाद में भूल जल् स्तर नीचे चले गया। तो हैंडपंप लगाए गए। लेकिन अब जलस्तर के और नीचे गिरने की वजह से ट्यूबवेल लगने शुरू हुए ।अब अधिकांश ट्यूबल भी बेकार पड़े हुए हैं। अब शहर की आपूर्ति पूर्ण रूप से रेनीवैल के सहारे है। भूजल स्तर करने के कारण पानी का अत्यधिक अवैध दोहन होना है। हम भूजल का दोहन तो कर रहे हैं। लेकिन बदले में रिचार्ज नहीं करते हैं। शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे तो हैं। लेकिन अधिकांश खराब पड़े हैं। शहर में सैकड़ो ट्यूबवेल अवैध रूप से चल रहे हैं। यहां से रात दिन पानी निकाल कर बेचा जाता है ।यमुना किनारे लगे हुए ट्यूबवेल भी अपनी क्षमता के अनुरूप पानी नहीं दे रहे हैं। प्रदेश में सरकार ने प्रति व्यक्ति 170 लीटर पानी देने का वादा किया था ।लेकिन स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है। पानी की हम बचत कैसे कर सकते हैं। हमें  मकानों के निर्माण में पेयजल का पानी प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। यहां पर एसटीपी से संशोधित पानी को काम में लिया जा सकता है। शौचालयों और बागवानी में  सीवरेज  ट्रीटमेंट प्लांट से संशोधित पानी को प्रयोग में लाना चाहिए। जल बचाएंगे तो जीवन बचेगा इस नारे को हमें बुलंद करना है।  पानी अनमोल है। सभी  को जल के संरक्षण के लिए काम करना होगा। जल ही जीवन है। इसके बिना सब निर्जन है। इस नारे को ध्यान में रखते हुए पानी की बचत के लिए समुचित कदम उठाने होंगे। यूनियन ने सेमिनार के बाद जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी कार्यालय सेक्टर 11 से वाईएमसीए रोड तक जागरूकता रैली निकाली आम जनता से ‌ भविष्य के लिए पानी को बचाकर रखने का आवाहन किया। उसके दुरुपयोग पर रोक लगाने की अपील की। आज के इस कार्यक्रम में पब्लिक हेल्थ ब्रांच के प्रधान कुंवर पाल, सिंचाई ब्रांच के प्रधान जितेंद्र भडाना, ‌ मैकेनिकल ब्रांच के प्रधान अमित कुमार, ‌ राकेश कुमार, ‌ पब्लिक हेल्थ के सेक्रेटरी अजीत सैनी, ‌ मोहनलाल गौतम, ‌ सहित अन्य नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

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