हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम की शहीदों को याद करते हुए जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को 1942 में फांसी दी गई थी, जबकि उन्हें फांसी 23 मार्च 1931 में दी गई थी। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
दरअसल, 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की शहादत पर पलवल में रैली रखी गई थी। इसके शुभारंभ के लिए खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम पहुंचे। गौरव गौतम ने तिरंगा दिखाकर रैली को रवाना किया। ये रैली हुड्डा सेक्टर 2 से लेकर आगरा चौक तक निकाली गई। इसके बाद मंत्री को शहीदों पर भाषण देना था।
अपना संबोधन शुरू करने से पहले खेल राज्य मंत्री ने पीछे मुड़कर बैनर पर लिखे गए तीनों नामों को देखा। इसके बाद उन्होंने अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि आज हम जो आजादी में सांस ले रहे हैं, वह शहीदों की बदौलत है।
उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई तो पहले से ही लड़ी जा रही थी, लेकिन जब 1942 में भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव ने यह फैसला कर लिया कि वह या तो करेंगे या मरेंगे या फिर मौत के घाट उतर जाएंगे, तब से अंग्रेजों को लग गया कि अब भारत छोड़ना पड़ेगा। इन शहीदों के बलिदान ने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी थी।
No comments :