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हरियाणा में 10 नगर निगमों के मेयर चुनाव में कानूनी पेंच फंस सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हरियाणा के म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट-1994 में मेयर चुनाव के लिए एक नहीं, बल्कि 2 नियम बना दिए गए।
एक तरफ मेयर का सीधे पब्लिक के वोट से चुनाव हो रहा
है तो दूसरी तरफ पार्षदों को भी पहली मीटिंग में मेयर चुनाव का अधिकार दे रखा है। ऐसे में अगर जनता के चुने मेयर को नगर निगम हाउस में पार्षद बहुमत से नकार देते हैं तो फिर कानूनी संकट खड़ा हो सकता है।
बता दें कि रविवार को प्रदेश के 7 निगमों, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, मानेसर, रोहतक और यमुनानगर मेयर चुनाव और सोनीपत व अंबाला में मेयर उपचुनाव हुआ है। पानीपत में मेयर के लिए 9 मार्च को वोटिंग होनी है।
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