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आंगनवाड़ी वर्करों ने किया डीसी आफिस पर आक्रोश प्रदर्शन

Posted by : pramod goyal on : Tuesday, 25 February 2025 0 comments
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फरीदाबाद,25 फरवरी।


आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन और वर्कर एवं हैल्पर को पक्का कर्मचारी बनाने की मांग  को लेकर डीसी आफिस पर पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान मांग की गई कि फोटो कैप्चर बंद हो, वर्कर्स को तीसरे ओर हेल्पर्स को

चौथे दर्जे का कर्मचारी बनाने, ग्रेच्यूटी लाभ देने के कोर्ट के निर्णयों को केंद्र व राज्य सरकार लागू करने की मांग की।

प्रदर्शन को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लाम्बा, सीटू हरियाणा के प्रदेश महासचिव जय भगवान, जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल, प्रधान निरंतर पराशर, यूनियन जिला प्रधान मालवती, सचिव देवेंद्री शर्मा, उप प्रधान सुरेन्द्री, कमलेश, केशियर नवल सिंह आदि ने प्रमुख रूप से संबोधित किया। संगठन नेताओं ने कहा कि प्रदेश की आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स में भारी रोष व्याप्त है। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करवाने का काम वर्कर्स द्वारा किया जा रहा है। सरकार आईसीडीएस को खत्म करना चाहती है। इस केंद्रीय बजट में महंगाई के अनुरूप वास्तविक बजट में भारी कटौती की गई है। नई शिक्षा नीति में 3 से 6 साल के बच्चे स्कूल भेज दिए गए। ऑनलाइन और फोटो कैप्चर के नाम पर वर्कर्स को प्रताड़ित किया जा रहा है। देश में लगभग 26 लाख आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने पिछले पचास वर्षों के बाद भी और असंख्य संसद और वैधानिक समितियों की सिफारिशों के बावजूद, कर्मचारियों के रूप में मान्यता नहीं दी जा रही है और नाम मात्र का भुगतान किया जाता है।

संगठन नेताओं ने कहा कि राज्य में 25 हजार आंगनवाड़ी केंद्र हैं जिनमे करीब 47 हजार वर्कर्स और हेल्पर्स काम कर रही हैं। 6 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं जिन्हे नहीं भरा जा रहा है। यूनियन सरकार से मांग करती है कि वर्कर्स और हेल्पर्स को पक्का कर्मचारी बनाया जाए, न्यूनतम वेतन 26000 रूपये लागू किया जाए, 2018 की केंद्र की घोषणा 1500, 750 का एरियर दिया जाए, केंद्र सरकार के दिशा अनुसार केंद्रों का किराया जारी हो, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रद्द हो, वर्कर्स और हेल्पर्स को ग्रेच्युटी दी जाए, खाली पड़े हेल्पर्स, वर्कर्स, सीडीपीओ, पीओ के पद भरे जाएं। हेल्पर से वर्कर और वर्कर्स से सुपरवाइजर्स की पदोन्नति बिना किसी कंडीशन के हो और कम से कम 50 प्रतिशत हो।  प्ले वे स्कूल और क्रेच केंद्रों में कार्यरत कर्मियों को अतिरिक्त मानदेय दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि मांगो का निपटारा नहीं किया गया कि तो 11 मार्च को पंचकुला में विभाग निदेशालय पर राज्य स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा।

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