फरीदाबाद। अव्यवस्था और अफसरशाही का प्रतीक बनता जा रहा है सूरजकुंड मेला !जिसके चलते स्टाल धारक और पर्यटक दोनों ही परेशान है। इस बार सूरजकुंड मेले में पर्यटन अधिकारियों मनमर्जी से स्टालों का आबंटन किया। जिन्हे बड़े स्टाल मिलने चाहिए थे उन्हें छोटे स्टाल दिए गए और अपने नजदीकी लोगों को उनकी मनपसंद के स्टाल आबंटित कर दिए गए। जिसे लेकर मेले में पहुंचे कालीन और दूसरे कारीगरों ने अधिकारियो के खिलाफ आवाज भी बुलंद की और राज्य मंत्री राजेश नागर को अवगत कराया। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा।
इसके अलावा राजनेताओ और उच्च अधिकारिओ की चापलूसी में व्यस्त मेला आयोजक न तो पर्यटकों की सुविधाओं का ध्यान रख पा रहे है और ना ही मेला में कई वर्षो से शिरकत करने वाले शिल्पकारों और कारीगरों की परेशानिओ का निदान कर पा रहे है। इस बार मेले में पत्रकारों को भी समस्याओ से दो - चार होना पड़ रहा है। उधर, राज्य के लोक कलाकारों की उपेक्षा को लेकर उनमे भी काफी रोष है। जिसे लेकर वे पत्रकार वार्ता कर सरकार से अपनी नाराजगी भी जता चुके है।
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