फरीदाबाद। नगर निगम में हुए 200 करोड़ के घोटाले की आग अभी शांत भी नहीं हुई है। इस बीच फरीदाबाद में सत्तासीन नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से हजारों करोड़ का एक और घोटाला सामने आ गया है। गरीबों के लिए आरक्षित प्लॉटों की बन्दर बाट हो गई। मिलीभगत से करोड़पतियों से लेकर अफसरों को गरीबों मिलने वाले प्लाट आबंटित ही नहीं कर दिए गए, काफी की तो रजिस्ट्री भी हो गई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाही किये जाने की मांग की है।
यहां पत्रकार वार्ता में कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने दो बिल्डरों की मदद से 180 से अधिक प्लाट देने की योजना बनाई थी। जिसके लिए न पात्र लोगो तक जानकारी पहुंचाने के लिए समाचार पत्रों में नियमानुसार विज्ञापन दिए गए और ना ही
इसके ड्रा के लिए बनाई गई कमिटी के लिए कोई नीति निर्धारण की गई। जिसका नतीजा यह रहा कि ड्रा कमेटी के सदस्य ने अपने ही नाम का ड्रा पर्ची निकाल ली। इतना ही नहीं पार्षद का चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार जिसने नामांकन के दौरान अपनी सम्पत्ति दस करोड़ दर्शायी है के परिवार से चार सदस्यों को प्लाट दे दिए गए।
उदयभान ने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारी ने भी एक प्लाट ले लिया। 280 वर्ग गज के यह प्लाट गरीबों को मात्र 8 हजार रूपये प्रति गज के हिसाब से दिए जाने थे। लेकिन सत्ताधारी नेताओ और अधिकारिओं की मिलीभगत से करोड़पतियों और अधिकारियों को बाट दिए गए। उन्होंने बताया कि यहां जमीन की बाजार कीमत एक लाख रुपए गज है और सर्कल रेट ही 45 हजार रुपए प्रति गज है। ऐसे में हजारों करोड़ का घोटाला हुआ है।
कांग्रेस अध्य्क्ष ने कहा कि अगर सरकार ने इस पर कोई कार्वाही नहीं की तो कांग्रेस सड़को पर आंदोलन करेगी और जनता के बीच इस मामले को निगम चुनावों में जोर शोर से उठायेगी।
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