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शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार विद्यार्थी नैतिक शिक्षा के अंतर्गत नैतिक दायित्व एवं नैतिक मूल्यों को आत्मसात कर विकसित कर रहे हैं। सराय ख्वाजा राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भी विद्यार्थी गणित, अंग्रेजी, विज्ञान, हिंदी एवं अन्य विषयों के साथ नैतिक शिक्षा में भी दक्षता प्राप्त कर रहे हैं। विद्यालय के प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि नैतिक शिक्षा नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रारंभ की गई है।
नैतिक शिक्षा के माध्यम से छात्रों में ईमानदारी, दया, सहानुभूति और उत्तरदायित्व जैसे गुण विकसित होते हैं। नैतिक शिक्षा से समाज में चारित्रिक पतन को रोका जा सकता है। नैतिक शिक्षा से व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है नैतिक शिक्षा से व्यक्ति को समाज और देश के प्रति अपने उत्तरदायित्व समझने में सहायता मिलती है तथा व्यक्ति का स्वयं का विकास और कल्याण होता है। नैतिक मूल्यों में वृद्धि एवं नैतिक शिक्षा से दूसरों के कल्याण करने में भी नए विचारों का सृजन होता है।
पाठ्यक्रम में नशा व उसके परिणाम संबंधित पाठ्यक्रम को भी नैतिक शिक्षा के अंतर्गत सम्मिलित किया गया हैं। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने बताया कि पाठ्यक्रम में सफलता के मूल मंत्र, पर्यावरण का सम्मान, संरक्षण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण आदि अनेकों सामाजिक नैतिक मूल्यों को विकसित करने वाले परोपकार के ऐसे विषयों का समावेश किया गया है जिनसे बाल मस्तिष्क में अपने मित्र बनें शत्रु नहीं का भाव विकसित होता है। सफल जीवन जीने के मूल सिद्धांतों और आदर्शों को विकसित करने हेतु नैतिक शिक्षा के अध्ययन से विद्यार्थियों को निश्चित ही आदर्श जीवन जीने के लिए नई दिशा मिलेगी तथा वे मद्यपान, नशा, व्यभिचार जैसी बुराइयों से दूर रहने में अपने आप को सजग करेंगे।
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