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फरीदाबाद- 28 जनवरी, प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में K9 श्वान (Dog) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। खासकर प्रदेश में ड्रग्स के नेक्सस को तोड़ने में उनकी मौजूदगी बेहतरीन परिणाम ला रही है। प्रदेश में अलग अलग जिलों में नियुक्त K9 श्वान अदम्य लगन, तीव्र सूंघने की क्षमता और अपने हैंडलर के प्रति अटूट वफादारी उनकी खासियत होती है, जिसके कारण राज्य में नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और हरियाणा पुलिस K9 इकाइयों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। इस वर्ष, इन चार पैरों वाले नायकों का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है, जिन्होंने हरियाणा में नशीले पदार्थों का पता लगाने और उनके प्रयासों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। वर्तमान में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो K9 इकाई में राज्य भर में 62 कुत्तों की एक बेहतरीन प्रशिक्षण युक्त टीम तैनात है, जो सभी नशीले पदार्थों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित हैं। 2025 की शुरुआत से, इन K9 इकाइयों ने कई सफल ऑपरेशनों को अंजाम देते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे राज्य के नशीले पदार्थों के प्रवर्तन प्रयासों में काफी मदद मिली है।
हरियाणा पुलिस की श्वान बल का बेहतरीन प्रदर्शन, कई मामलों में निभा रहे है निर्णायक भूमिका।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इन K9 श्वानों का प्रशिक्षण एक कठिन प्रक्रिया है। इनका प्रशिक्षण बहुत ही व्यवस्थित रूप से किया जाता है। ये प्रशिक्षण अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाता है, जिसमें बुनियादी आज्ञा पालन, खोज और बरामदगी, नशीले पदार्थों की खोज, विस्फोटक पदार्थों की खोज और अन्य कई अन्य महत्वपूर्ण कौशल सिखाए जाते हैं। K9 डॉग्स का प्रशिक्षण उनकी प्रकृति और क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है। हाल ही में इन विशेष रूप से प्रशिक्षित K9 ने सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी नशीले पदार्थों का सफलतापूर्वक पता लगाते हुए उल्लेखनीय कार्य किया है। जैसे श्वान ऑस्कर ने रेवाड़ी जिले में 442 ग्राम सल्फ़ा ड्रग का सफलतापूर्वक पता लगाया था, वहीँ श्वान रेनबो और श्वान जग्गा ने मिलकर हिसार जिले में 72 ग्राम चिट्टा पकड़ा था। ये उल्लेखनीय खोजें राज्य में सुरक्षा बनाए रखने और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने में K9 की प्रभावशीलता को उजागर करती हैं।
हरियाणा पुलिस के श्वानों ने गणतंत्र दिवस पर दिखाया अपना कौशल, राजयपाल ने की K9 टीम की तारीफ़।
हरियाणा पुलिस की श्वान टीम अलग अलग जिलों में नशीले पदार्थों का पता लगाने के अलावा, फरीदाबाद में गणतंत्र दिवस समारोह में आज्ञाकारिता, चपलता और साहस का उत्कृष्ट प्रशिक्षण का प्रदर्शन किया। गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि, हरियाणा के माननीय राज्यपाल ने कानून व्यवस्था में और केस सुलझाने में उनके अविश्वसनीय योगदान के लिए K9 टीमों की प्रशंसा की। इसके अलावा हरियाणा पुलिस के महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर ने प्रदेश की सभी K9 इकाइयों की उनके अथक काम के लिए सराहना की। श्री कपूर ने बताया कि कि सभी प्रशिक्षित श्वान अलग अलग केस की जांच करने, मादक पदार्थों का पता लगाने और यहां तक की विस्फोटकों का पता लगाने में भी बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। अपराध और मादक पदार्थों के दुरुपयोग से निपटने के लिए राज्य के चल रहे प्रयासों में उनका योगदान प्रशंसनीय है।
नागरिकों की सुरक्षा में तैनात K9 निभा रहे है महत्वपूर्ण भूमिका।
हरियाणा पुलिस इन सभी श्वान के अधिग्रहण, प्रशिक्षण और तैनाती करती है। इसके अलावा प्रदेश पुलिस सुनिश्चित करती है कि K9 इकाइयाँ हरियाणा के नागरिकों की सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो K9 की निरंतर सफलता, हरियाणा पुलिस की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो कि प्रदेश में मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है व इन चार पैरों वाले नायकों ने बार-बार साबित किया है कि वे राज्य को सुरक्षित रखने में कुशल हैं। आगे विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि एक नवजात श्वान को 3 महीने से कम उम्र में पुलिस द्वारा लिया जाता है। उसके बाद उसे 3 से 6 महीने की उम्र के बीच ट्रेनिंग के लिए भेजे जाते है। विदित है कि नारकोटिक्स की ट्रेनिंग 6 महीने की और ट्रैकर की ट्रेनिंग 9 महीने की होती है, जिसकी ट्रेनिंग आईटीबीपी भानु, पंचकूला से करवाई जाती है। ट्रेनिंग के दौरान उसके हैंडलर को भी नियुक्त कर दिया जाता है ताकि दोनों के बीच बेहतरीन सामंजस्य और अपनत्व का रिश्ता बन सके।
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