हरियाणा में ड्रॉपआउट और आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा से जोड़ने पर फोकस किया जाएगा। ताकि बच्चे पढ़ाई कर सकें। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी एडीसी, जिला शिक्षा अधिकारी (DEO), जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (DEEO) और समग्र शिक्षा के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) को पत्र जारी किया है।
जिसमें ड्रॉपआउट और आउट ऑफ स्कूल बच्चों की पहचान के लिए सर्वे कराने के आदेश जारी किए गए हैं। ताकि सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम 2009 के तहत स्कूलों में 100 फीसदी दाखिला मिले और वे पढ़ाई कर सकें।
बच्चों को शिक्षित करने के लिए 4 लेयर सर्वे कराने का फैसला लिया गया है। जिसके तहत स्कूल स्तर, क्लस्टर स्तर, ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर सर्वे कराया जाएगा। चारों लेवल का सर्वे 1 जनवरी से 17 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। ताकि पढ़ाई न करने वाले बच्चों को स्कूल तक लाया जा सके और वे पढ़ाई भी कर सकें।
इसको लेकर निर्देश दिए कि नई शिक्षा नीति 2020 का प्राथमिक लक्ष्य सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चे स्कूलों में दाखिला लें और नियमित स्कूल आएं। लेकिन आरटीई 2009 में उल्लेखित शत-प्रतिशत दाखिले का लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है।
कई बच्चे अभी स्कूल से बाहर हैं, उनकी पहचान की जानी है। एससी-एसटी, सड़क पर रहने वाले बच्चों, अनाथ, प्रवासी बच्चों विमुक्त जनजाति के बच्चों को शिक्षा से जोड़ना होगा। इसको ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए स्कूल से बाहर या ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान के लिए सर्वेक्षण आयोजित किया जाएगा।
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