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फरीदाबाद, 5 नवम्बर : देश की आजादी में आर्य समाज का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आर्य समाज ने हमेशा राष्ट्रभक्ति और मातृभक्ति का लोगों को पाठ सिखाया है। आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने जीवन पर्यंत लोगों की सेवा और समाज
उत्थान के लिए कार्य किया। यह बात अखिल भारतीय योगी समाज के प्रधान योगी तेजपाल सिंह ने आर्य समाज सैक्टर-19 के 67वें वार्षिकोत्सव पर आयोजित ओल्ड फरीदाबाद स्थित 21 कुंडीय महायज्ञ में मुख्यातिथि के तौर पर लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज महर्षि दयानंद के संदेश को फैलाने के लिए आर्य समाज देश भर में बहुत बड़ी जागरूकता अभियान चलाकर राष्ट्र उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर आर्य समाज सैक्टर-19 के प्रधान डा. गजराज सिंह आर्य, महेश चंद, अशोक आर्य तथा डा.ओ.पी. वधवा ने मुख्यातिथि का पुष्पमाला पहनाकर व स्मृति चिंह देकर स्वागत किया। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए उत्तरप्रदेश के बिजनौर शहर से पधारे पंडित योगेश दत्त आर्य ने कहा कि अधर्म पर चलने वाले व्यक्ति, समाज और राष्ट्र कभी भी उन्नति नहीं कर सकते। इसलिए प्रगति हेतू अध्यात्मिकता के साथ-साथ धर्म मार्ग अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अधर्म पर चलने के कारण ही महाभारत युद्ध हुआ, क्योंकि दुर्योधन हमेशा अधर्म की राह पकडक़र पांडवों का नीचा दिखाने का प्रयास करता रहा। इस युद्ध से अनेक योद्धाओं को वीरगति प्राप्त हुई। स्वामी दयानंद ने महाभारत युद्ध को आर्यव्रत की सबसे बड़ी हानि बताया और कहा कि इसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती। इसलिए हमें मानवता धर्म निभाना चाहिए। इस अवसर पर सुमेश मित्तल, लोकनाथ क्वात्रा, पंकज सिंगला, विमला ग्रोवर, यादवेंद्र शास्त्री, शांता अग्रवाल, अशोक गर्ग, पीके. मित्तल, महेश अग्रवाल, रामअवतार सहित शहर के अनेक गण्यमान्य लोगों ने यज्ञ में आहूति डालकर धर्म लाभ उठाया। अंत में डा. गजराज सिंह आर्य ने सभी अतिथियों और कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट किया।
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