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विश्व एड्स दिवस - एड्स का उपचार नहीं, ज्ञान ही जागरूकता एवं बचाव

Posted by : pramod goyal on : Saturday, 30 November 2024 0 comments
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 विश्व एड्स दिवस के अवसर पर राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और गाइड्स ने एड्स ज्ञान बचाए जान विषय पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि वर्ल्ड


एड्स डे मनाने का उद्देश्य एच आई वी संक्रमण के कारण होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर आयु के व्यक्ति के बीच जागरूकता बढ़ाना है। एड्स आज के आधुनिक समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार अब तक तीन करोड़ सत्तर लाख से भी अधिक व्यक्ति एच आई वी के शिकार हो चुके हैं जबकि भारत सरकार द्वारा दिए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी के रोगियों की संख्या लगभग तीस लाख से भी अधिक है। एच आई वी एड्स एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे चिकित्सा भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस अर्थात एचआईवी के नाम से जाना जाता है। इसे सामान्य बोलचाल में एड्स अर्थात एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जाना जाता हैं। इसमें जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर प्रहार करता है जिस से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता। इस अवस्था में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से कोई भी बीमारी शीघ्र ठीक नही होती। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि जब एच आई वी का ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है तो एड्स हो सकता है। एड्स एचआईवी की तीसरी और एडवांस्ड स्टेज है। विश्व एड्स दिवस के लिए इस वर्ष की थीम उचित मार्ग अपनाएं रखा गया है। एड्स की रोकथाम में समाज की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इस थीम को चुना गया है। साथ ही अब तक एड्स के बचाव में समाज ने जो महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं उनकी सराहना करने के लिए भी इस थीम को चुना गया है। एड्स या एचआईवी के बारे में समाज में व्याप्त गलत अवधारणा के कारण इसकी रोकथाम करना काफी कठिन होता है। समाज में नीची नजरों से देखे जाने के कारण सामान्य जन खुलकर इस बीमारी के बारे में बात नहीं करते और इससे बचाव नहीं हो पाता है। इस स्थिति को बदलने के लिए उचित मार्ग अपनाएं का थीम चुना गया हैं। प्रत्येक वर्ष की थीम को विश्व एड्स अभियान की वैश्विक स्टीयरिंग कमेटी द्वारा चुना जाता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा, प्राध्यापिका गीता, प्राध्यापक रविंद्र एवम अन्य अध्यापकों ने बालिकाओं को एड्स से जागरूक करने के लिए बनाए पोस्टर की बहुत प्रशंसा की और परिवार में एवम मित्र जनों को भी एड्स से जागरूक करने की अपील की।

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