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फिरोजपुर नर्सरी में वन मजदूरों को काम की ‌ मजदूरी के लिए खानी पड़ रही हैं दर- दर की ठोकरें

Posted by : pramod goyal on : Friday, 8 November 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 8 नवंबर ‌  फिरोजपुर नर्सरी में  वन मजदूरों को अपने  किए हुए  काम की ‌ मजदूरी के भुगतान के लिए दर- दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। वन विभाग  के अधिकारीयों ने अपने ‌ त्यौहार तो बना लिए। लेकिन ‌ मजदूरों को काली दिवाली मनाने  के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने  ‌ यह भी नहीं सोचा कि मजदूरों के भी बच्चे हैं। उनका परिवार है।


उन्होंने भी त्यौहार मनाना है। इस राष्ट्रीय त्योहार पर अक्सर मजदूरों को ठेकेदारों द्वारा मिठाइयां और गिफ्ट दिए जाते हैं। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने मजदूरों का कमाया हुआ मज़दूरी  का भुगतान तक नहीं किया। ‌इस ‌‌ विषय पर बातचीत करने के लिए आज सीटू के जिला  वीरेंद्र सिंह डंगवाल, रेशम और अनीषा  ने ‌ डीएफओ फरीदाबाद से  मुलाकात की। उनसे ‌ मजदूरों का 10 माह की ‌ मजदूरी का भुगतान करने की मांग की।तब डीएफओ  को ‌ रेशम बताया  कि ‌ उनके आवास पर सितंबर  माह में  भी मजदूरी भुगतान के लिए आवेदन दिया था। उस पर रेंज अधिकारी, दरोगा और गार्ड ने अब तक कोई ‌ कार्यवाही नहीं की। ‌ वन मंडल अधिकारी ने शिष्ट मंडल को  विश्वास  ‌ दिलाया  कि ‌ ‌ हालांकि उनकी यहां से बदली हो गई है। लेकिन मैं आज ही इनकी मजदूरी का भुगतान करने का वादा करता हूं। उन्होंने ‌ तुरंत रेंज अधिकारी और ठेकेदार को वन मजदूरों का रुका हुआ वेतन देने के मौखिक और  लिखित आदेश भी जारी  किए। रेशम ने बताया कि संतोष, जयबून,‌ अनीशा,‌ सलमू, विधी, ‌ इम्तियाज कृपाराम और रेशम की ‌ मजदूरी मार्च 2024 से लेकर अक्टूबर 2024 तक की देय बनती है। उन्होंने ठेकेदार से ‌ बातचीत की तो उसने बताया कि रेंज अधिकारी, फॉरेस्ट दरोगा, और फॉरेस्ट गार्ड उसके बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं। जबकि वन मंडल अधिकारी ने बताया कि ‌ मैंने ठेकेदार से दीपावली के त्योहार पर मजदूरों को कुछ धनराशि वितरित करने के आदेश दिए थे। इतना ‌ कहने के बावजूद भी ‌ मजदूरी नहीं मिल रही है। अब परेशान  मजदूरों  ने ‌ 12 नवंबर को बल्लभगढ़ नर्सरी में बैठक करने की योजना बनाई है। उसमें ‌ आगामी आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने  बताया  कि ‌ नर्सरी में पहले काम कर चुकी राजबाला, संतोष ,अनीता, सरिता, बिजेंद्री, सुमन उमरुद्दीन, शाकिर, अलमू, सलमू, नसी के पीएफ का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। जबकि 2021 से उनके वेतन में से पीएफ की राशि काट ली गई थी। वन विभाग के अधिकारी वर्षों से मजदूरों का शोषण कर रहे हैं। सैकड़ो मजदूरों के श्रम विभाग में मामले लंबित हैं। फरीदाबाद के मजदूरों ने नर्सरी में अपना जीवन खपा दिया लेकिन वन विभाग के  ‌ अधिकारियों ने उनकी सेवाएं रेगुलर नहीं होने दी। अधिकांश वर्करों का ‌ रिकॉर्ड ही गायब कर दिया गया। यूनियन ने चेतावनी दी है। कि यदि 15 तारीख तक भुगतान नहीं किया गया तो 16 तारीख को गुड़गांव में कंजरवेटर से यूनियन  शिष्ट मंडल मिलने जायेगा।

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