फरीदाबाद, 04 नवंबर। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि सरकार की तरफ से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को एक नया ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया है, जो उनकी कमाई का हिस्सा बनेगा। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज फ्लिपकार्ट द्वारा 'आजीविका निर्माण' फरीदाबाद की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को डिजिटल सक्षम बनाने की पहल के लिए आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि आज मुझे एक ऐसी कार्यशाला में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जिसके द्वारा हमारे संगठन से जुड़ी महिलाओं को सशक्त स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की कार्यशाला आयोजित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह सोच और संकल्प है कि हमारे देश में आधी आबादी महिलाओं की है और जब तक देश की महिलाएं सशक्त आत्मनिर्भर और स्वभाव लंबी नहीं होगी तब तक देश सशक्त और आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। इसलिए उन्होंने इस देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए शौचालय, मुफ्त गैस सिलेंडर, हर घर बिजली, हर घर नल और नल में जल, 5 लाख तक का निशुल्क इलाज आयुष्मान कार्ड द्वारा, महिलाओं को डिलीवरी के समय 24 हफ्ते का अवकाश, रिजर्वेशन देने और सेल्फ हेल्प ग्रुप को बढ़ाने की बात हो प्रधानमंत्री ने यह सब देशवासियों के विकास के लिए किया है। जब प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में इस देश की बागडोर संभाली तब देश में केवल एक करोड़ महिलाएं ही सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी थी और आज 10 सालों में मोदी जी ने यह संख्या एक करोड़ से बढ़कर 10 करोड़ कर दी है। सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को बैंकों से 8 लाख करोड़ का सब रोजगार के लिए लोन दिलाया। पहले एक सेल्फ हेल्प ग्रुप को 10 लाख तक का बिना गारंटी के लोन मिलता था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी ने घोषणा की है कि सेल्फ हेल्प ग्रुप को अब 20 लाख तक का लोन मिलेगा इसके पीछे सोच यही है कि देश की महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है और उसके लिए लक्ष्य भेद तय किया है कि आने वाले 5 सालों में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्पादों को कैसे देश के कोने कोने में पहुंचना है उसके लिए ई-कॉमर्स का होना जरूरी है क्योंकि आज दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और टेक्नोलॉजी का युग है। उसके माध्यम से हम भी अपने द्वारा निर्मित वस्तु को भेज सकते हैं उसके लिए फ्लिपकार्ट द्वारा इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। आज आपको जानने का मौका मिलेगा कि कैसे हम अपने उत्पाद को फ्लिपकार्ट के माध्यम से बाजार में भेज सकते हैं। कोई भी वस्तु बनाना तो आसान है लेकिन उसको बाजार में बेचना बहुत कठिन है। आज आप जो उत्पाद बनाएंगे उसकी दुनिया के बाजार में बेचने के लिए आपकी मदद फ्लिपकार्ट करेगा। आज महिलाएं किसी पर बोझ नहीं है ड्रोन दीदी योजना मोदी जी ने महिलाओं के लिए बनाई। ड्रोन की मदद से घंटे का काम अब महिलाएं मिंटो में कर रही है। ड्रोन दीदी भी अब लखपति दीदी बनने वाली है। यह तमाम तरह की योजनाएं मोदी जी इसलिए लेकर आए हैं कि अपने भारत देश की महिलाओं को सशक्त करना है। महिलाएं सशक्त होंगी तो परिवार भी सशक्त होगा और परिवार सशक्त होगा तो समाज और देश भी सशक्त बनेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प लिया है कि देश को दुनिया का विकसित भारत बनाना है और विकसित भारत बनाने के लिए आमजन की भागीदारी भी होनी चाहिए जितनी अधिक हमारे देश की महिलाएं सशक्त और लखपति दीदी होगी उतना ही तेजी से भारत विकसित देश की ओर बढ़ेगा।
इस अवसर पर फ्लिपकार्ट समूह के मुख्य कॉर्पोरेट अधिकारी रजनीश कुमार ने कहा कि आज जो यह कार्यक्रम किया जा रहा है उसका उद्देश्य यही है कि सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया अभियान में जोड़ना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिशन है कि कैसे गांव और शहर के लोगों को डिजिटल क्रांति से जोड़े। इसके लिए सरकार ने खासतौर पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं पर जोर दिया है, जो एक बड़ी वर्कफोर्स हैं। इसके लिए सरकार महिलाओं को घर बैठे रोजगार के साधन उपलब्ध करा रही है। साथ ही इन महिलाओं के प्रोडक्ट को ग्लोबल मार्केट में पेश करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट से साझेदारी की है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बनाए गए प्रोडक्ट की मार्केटिंग की जिम्मेदारी होगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीईओ जिला परिषद् सतबीर मान ने कहा कि भारत सरकार की यह एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों की आजीविका को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस मिशन के तहत गरीब परिवारों को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से संगठित किया जाता है, जिससे उन्हें आर्थिक गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और विपणन सहायता प्राप्त होती है। जब तक महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं होगा समाज सशक्त नहीं बन सकता। हाथ में पैसा होगा तभी महिलाएं अपने परिवार की देखभाल खुद कर सकेंगी।
कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह से गांव नरियाला से गीता देवी, गांव फतेहपुर बिल्लौच से प्रीति, तिगांव से राम सखी, गांव जाजरू से रेनू, जुन्हेड़ा गांव से भावना और तिगांव से पूनम शर्मा सभी महिलाओं ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ने से पहले उनके जीवन में कितनी कठिनाइयां थी और आज स्वयं सहायता समूह से जुड़कर वह खुद का रोजगार चला रही है और साथ ही अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर रही है।
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