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श्रमिकों को नशे के दुष्परिणाम, साइबर फ्रॉड के बचाव तथा यातायात नियमों की जानकारी देकर किया जागरुक

Posted by : pramod goyal on : Saturday, 12 October 2024 0 comments
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 फरीदाबाद- पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश नरवाल IPS, के निर्देशानुसार, डीसीपी हेडक्वार्टर अभिषेक जोरवाल के मार्गदर्शन में सामुदायिक पुलिसिंग सेल टीम द्वारा "पुलिस की पाठशाला" कार्यक्रम में वीडियो वेन के माध्यम से करीब 350 श्रमिकों को नशे के दुष्परिणाम, साइबर फ्रॉड के बचाव तथा यातायात नियमों की जानकारी देकर जागरुक किया है। 



कार्यक्रम के दौरान सभी श्रमिकों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने और सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की मदद करने की महत्ता बताई गई। उन्हें "गुड समरिटन रूल" के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि किसी भी व्यक्ति को सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने पर कोई कानूनी परेशानी नहीं होगी। अगर उन्हें किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति मिले तो वे तुरंत डायल 112 पर सूचना दें।

सभी श्रमिकों को उनकी नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया गया। इसके अलावा, हरियाणा पुलिस द्वारा शुरू किए गए "ट्रिप मॉनिटरिंग सिस्टम" की जानकारी भी दी गई।

कार्यक्रम के दौरान नशे के दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई और यह बताया गया कि हर अपराध की जड़ नशा है, इसलिए नशे से दूर रहना अनिवार्य है। श्रमिकों को COPTA एक्ट के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

साइबर अपराध से संबंधित जानकारी देते हुए श्रमिकों को यह बताया गया कि साइबर अपराधी किस प्रकार लोगों को लालच या डर दिखाकर अपना शिकार बनाते हैं। वर्तमान में प्रचलित साइबर अपराधों के विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डाला गया और उनसे बचाव के उपाय समझाए गए। सभी को साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in)  पर शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त, श्रमिकों को संचार साथी पोर्टल के माध्यम से यह जांचने की सलाह दी गई कि उनके नाम से कितने मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हैं।

सभी को यह भी सलाह दी गई कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन रखें, अपनी प्रोफाइल लॉक करें, अनजान व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें, और किसी अज्ञात नंबर से आने वाली वीडियो कॉल को अटेंड न करें। साथ ही, सभी को बताया गया कि साइबर अपराध से बचने का एकमात्र तरीका है कि वे सतर्क और जागरूक रहें, और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें।

कार्यक्रम के अंत में, सभी को महिला सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी गई और उन्हें सलाह दी गई कि वे अपने फोन में "इंडिया 112" ऐप इंस्टॉल करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके।

फरीदाबाद पुलिस द्वारा आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य समाज को अपराध, नशा, और सड़क दुर्घटनाओं से मुक्त बनाना है, जिसके लिए फरीदाबाद पुलिस सतत प्रयासरत है।

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