//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद : बड़खल से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ रहे धनेश अदलखा ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी ही पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। कह रहे हैं कि शहर की हालत बदहाल है, सीवर लाइनें बंद पड़ी हैं, ना पानी निकासी की व्यवस्था है और सड़कों की हालत दयनीय है। यानि पिछले दस साल में भाजपा सरकार के कार्यकाल में विकास के नाम पर बदहाली है। इस पर विपक्षी उम्मीदवार और लोग खूब चुटकी ले रहे हैं। ये प्रदेश के इकलौते ऐसे उम्मीदवार हैं, जो पार्टी की टिकट मिलने के बाद रोते बिलखते हुए नजर आ रहे हैं। अन्यथा पूरे प्रदेश में जिनकी टिकट कटी, वह रोते हुए आंसू बहाते हुए नज़र आए। अदलखा इकलौते ऐसे नेता हैं जो टिकट मिलने पर भी बिलख रहे है।
पंजाबी सरदारी का भरपूर साथ ना मिलने पर श्री अदलखा बौखलाहट में भूल
गए हैं कि वह सताधारी दल के प्रत्याशी हैं। वह चुनाव प्रचार में अपनी सरकार द्वारा विकास कार्य गिनवाने की बजाय कमियां गिनवा रहे हैं। उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें अपने जनसंपर्क के दौरान वह लोगों से कह रहे हैं कि सीवर का पानी इस कदर बह रहा है कि उनके जूते भी पूरी तरह से भीग गए, शहर की बदहाल हालत है। बरसात में जल निकासी की व्यवस्था तक नहीं है। उन्हे एक नंबर से सेक्टर 21 जाने में लगभग एक घंटा लगा, जो कि मात्र 5 मिनट का रास्ता है। ये सब कह कर वह अपने लिए वोट मांग रहे हैं। लेकिन वो भूल गए कि वह सताधारी दल के ही उम्मीदवार हैं। जिन्होंने उन्हें टिकट दी है और उन्होने उन्हीं की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिए बल्कि उन्हें निकम्मा भी घोषित कर दिया।
गए हैं कि वह सताधारी दल के प्रत्याशी हैं। वह चुनाव प्रचार में अपनी सरकार द्वारा विकास कार्य गिनवाने की बजाय कमियां गिनवा रहे हैं। उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें अपने जनसंपर्क के दौरान वह लोगों से कह रहे हैं कि सीवर का पानी इस कदर बह रहा है कि उनके जूते भी पूरी तरह से भीग गए, शहर की बदहाल हालत है। बरसात में जल निकासी की व्यवस्था तक नहीं है। उन्हे एक नंबर से सेक्टर 21 जाने में लगभग एक घंटा लगा, जो कि मात्र 5 मिनट का रास्ता है। ये सब कह कर वह अपने लिए वोट मांग रहे हैं। लेकिन वो भूल गए कि वह सताधारी दल के ही उम्मीदवार हैं। जिन्होंने उन्हें टिकट दी है और उन्होने उन्हीं की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिए बल्कि उन्हें निकम्मा भी घोषित कर दिया।
इतना ही नहीं सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा करवाने के मामले में चर्चित रहे धनेश अदलखा को बाहरी उम्मीदवार होने का भी नुकसान हो रहा है। अधलखा को स्थानीय भाजपा नेता तक भी नहीं पचा पा रहे है तो आम मतदाताओं की तो बात ही अलग है।
No comments :