नई दिल्ली. हरियाणा
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट शुक्रवार रात जारी कर दी. इस लिस्ट के साथ ही कांग्रेस में नेता पुत्रों को टिकट देने पर बवाल बढ़ता दिख रहा है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार शाम को हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मधुसूदन मिस्त्री से नेता पुत्रों के आवेदन पर फैसला लेने को कहा है. हालांकि मिस्त्री ने खड़गे से कहा कि ‘मैंने सीटों पर उम्मीदवारों की सिर्फ छानबीन की है, लेकिन नेता पुत्रों को टिकट देना है या नहीं यह फैसला आपको (खड़गे) और राहुल गांधी को मिलकर लेना है.’ इस बीच सोनिया गांधी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मेरिट के आधार पर ही टिकट बांटे जाने चाहिए.
दरअसल हरियाणा में चार बड़े नेताओं के बेटों ने विधानसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की है. सबसे पहला नाम रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला का है, जो खुद को टिकट न मिलने की स्थिति में अपने बेटे के लिए टिकट चाहते हैं. हालांकि वह खुद कैथल से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. वहीं दूसरा नाम हिसार से सांसद जयप्रकाश का है, जो अपने बेटे विकास के लिए कलायत की सीट मांग रहे हैं. वह खुद सांसद हैं और अपने बेटे को विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं.
इसके अलावा तीसरा बड़ा नाम चौधरी वीरेंद्र सिंह का है, जो हाल ही में बीजेडी छोड़कर कांग्रेस में वापस आए थे. उनके सांसद बेटे चौधरी विजेंद्र सिंह भी कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन उनको लोकसभा का टिकट नहीं मिला. अब वह उचाना से विधानसभा का टिकट मांग रहे हैं.
चौथा नाम दीपेंद्र सिंह हुड्डा का है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र अभी सांसद हैं. वह भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. ये उनकी कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बढ़ने की रणनीति मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि वह इसलिए भी टिकट मांग रहे हैं, ताकि रणदीप सिंह सुरजेवाला और कुमारी शैलजा को कांग्रेस सांसद के नाम पर टिकट न मिले. ऐसे में यह मामला अब राहुल गांधी के पास चला गया है, जो इस वक्त विदेश में हैं. सूत्रों के मुताबिक, खड़गे उनसे बात करके इस संबंध में फैसला लेंगे.
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