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फरीदाबाद 5 अगस्त - ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन जिला कमेटी फरीदाबाद ने श्रम मंत्री श्री मूलचंद शर्मा के कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन करके 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन उनकी गैर मौजूदगी में उनके निजी सचिव पारस जैन को सौंपा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारी वाईएमसीए मोड पर एकत्रित हुए। यहां से नारे लगाते हुए श्रम मंत्री के कार्यालय पर पहुंचे। आन्दोलनकारियों का नेतृत्व जिला उप प्रधान राजू तिगांव कर रहे थे। जबकि वि
रोध सभा का संचालन जिला सचिव दिनेश पाली ने किया। सरकार की वायदा खिलाफी से खफा हुए बैठे कर्मचारियों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। ग्रामीण सफाई कर्मचारी सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करो, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए लागू करो, हरियाणा सरकार मुर्दाबाद और मोबाइल एप से ऑनलाइन हाजिरी लेना बंद करो के नारे लगा रहे थे। इस मौके पर सीटू के जिला प्रधान कामरेड निरंतर पाराशर और जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नेताओं ने राज्य सरकार पर ग्रामीण सफाई कर्मचारी के आंदोलन की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि ये सभी कर्मचारी लम्बे समय से लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में गांवों की गलियों और चौपालों की सफाई कर रहे हैं। इनमें से एक भी कर्मचारी नियमित नहीं है। जब शहरों में कार्यरत सफाई कर्मचारी नियमित हो सकते हैं। तो ग्रामीण क्षेत्रों में इस काम को करने वाले सफाई कर्मियों को पक्का क्यों नहीं किया जा सकता है। लेकिन सरकार इस तरह का निर्णय नहीं लेना चाहती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2007 से लगभग 11 हजार सफाई कर्मी गांवों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।17-18 बरसों से काम करने के बाद भी आज अगर कोई सफाई कर्मी मर जाता है। तो उसके परिजनों को उसकी जगह पर नौकरी तक नहीं मिलती है। दलित होने के चलते पहले से ही बेकार और भेदभाव की मार यह सभी झेल रहे हैं। इन सफाई कर्मियों पर सरकार ऑनलाइन हाजिरी लगाने का दबाव डाल रही है। जिसका ग्रामीण सफाई कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे हैं। हरियाणा के ये ग्रामीण सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन के मैदान में है। 51 दिन तक हड़ताल के बाद 29 नवंबर 2023 को विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक की अध्यक्षता में हुई वार्ता तथा उस वार्ता में ग्रामीण सफाई कर्मियों बारे बनी सहमति को लागू न करके हरियाणा सरकार ने केवल₹1000 की मामूली सी बढ़ोतरी करके सफाई कर्मियों के साथ भारी अन्याय किया है। सफाई कर्मियों को वर्ष 2020 में ईपीएफ के दायरे में लिया गया था। तथा वर्ष 2021 में इन पर ईएसआई लागू की गई थी। हरियाणा के अधिकतर ब्लॉकों में ईपीएफ की राशि जमा नहीं की गई है। इसमें व्यापक अनियमिताएं व्याप्त हैं। कर्मचारियों का अंश काट लिया जाता है। लेकिन सरकार की तरफ से अंशदान जमा नहीं होता। इसका कारण तीन-चार महीना तक मैसेज आनंद शर्मा इंटरप्राइजेज नाम की एक कंपनी के साथ करार करना है। क्योंकि खंड अधिकारी इस कंपनी को चेक काट कर दे देते हैं।और कंपनी समय पर राशि को जमा नहीं करती। जिसके कारण लाभार्थियों को काफी नुकसान होता है। यूनियन ने सरकार की टाल मटोल की नीतियों के खिलाफ आगामी 11 और 12 अगस्त को करनाल सीएम सिटी में 24 घंटे के धरने में भाग लेने का निर्णय लिया है। यूनियन की मुख्य मांगों में सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए। जब तक पक्के नहीं होते हैं। तब तक रोजगार की सुरक्षा की गारंटी दी जाए। मोबाइल एप से ऑनलाइन हाजिरी के बजाय 5-6 गांवों का एक जोन बनाकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों में से ही पढ़े-लिखे कर्मचारियों को सफाई सुपरवाइजर लगाकर सफाई कर्मियों के काम की देखरेख और हाजिरी लगाने की व्यवस्था बनाई जाए। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के लिए 26000 रुपया मासिक वेतन लागू किया जाए। तथा शहरों में कार्यरत कच्चे सफाई कर्मचारियों के बराबर वेतन दिया जाए। इसके अलावा प्रत्येक माह की 7 तारीख तक मानदेय का भुगतान किया जाए। मानदेय भुगतान के लिए बीडीपीओ कार्यालय को पूरे साल का बजट एक साथ दिया जाए तथा मानदेय भुगतान की देरी पर ₹500 प्रति कर्मचारी अतिरिक्त भुगतान किया जाए। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके परिवार के एक सदस्य को सफाई कर्मचारी लगाया जाए। इसके लिए एक्सग्रेसिया नीति तैयार की जाए। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए न्यूनतम 1125 रुपए मासिक शिक्षा भत्ता दिया जाए। ग्रामीण सफाई कर्मियों को विशेष श्रेणी मानकर आवास की गारंटी प्रदान की जाए। आज के प्रदर्शन को राजू के गांव, विनीत ब्लॉक प्रधान बल्लभगढ़, धर्मेंद्र, आदि ने संबोधित किया।
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