//# Adsense Code Here #//
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार गवर्नमेंट मॉडल सीनि
यर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इतिहास से अवगत करवाते हुए तिरंगे का महत्व भी बताया गया। कार्यक्रम में अंग्रेजी प्राध्यापक जितेंद्र कुमार गोगिया ने बताया कि भारत अपनी स्वतंत्रता का अमृतकाल मना रहा है और प्रतिवर्ष 15 अगस्त को हम देशवासी स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। किसी भी देश के लिए आजादी की वर्षगांठ प्रसन्नता और गर्व का अवसर होता है। हम 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुए थे। भारत को जो स्वतंत्रता मिली थी, उसके साथ साथ सौगात में हमें विभाजन रूपी विभीषिका का दंश भी मिला था। नए स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र का जन्म विभाजन के हिंसक दर्द के साथ हुआ जिसने लाखों भारतीयों पर पीड़ा के स्थायी निशान छोड़े।
वर्ष 1947 में विभाजन के कारण मानव जाति के इतिहास में सबसे विनाशकारी विस्थापनों में से एक देखा गया। प्राचार्य और जूनियर रेडक्रॉस काउंसलर रविन्द्र मनचंदा ने कहा कि 15 अगस्त 1947 की सुबह ट्रेनों, घोड़े खच्चर और पैदल ही लोग अपनी ही मातृभूमि से विस्थापित होकर अपने अपने देश जा रहे थे। इसी बीच बंटवारे के दौरान भड़के दंगे और हिंसा में लाखों लोगों की जान चली गई। यह विचलित करनेवाली घटना ऐसी भीषण त्रासदी थी जिसमें बीस लाख से भी अधिक लोग मारे गए और डेढ़ करोड़ लोगों का पलायन हुआ था। यह विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े विस्थापनों में से एक है जिससे लाखों परिवारों को अपने पैतृक गांवों एवं शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थी के रूप में एक नया जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा। आज विद्यालय में विद्यार्थियों को इस विभीषिका के विषय में अवगत करवाते हुए प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। घृणा और हिंसा के कारण हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की स्मृति में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाता है। प्राचार्य ने विभीषिका के बारे में विस्तार से बताने पर प्राध्यापक जितेंद्र कुमार गोगिया और विभीषिका पर पोस्टर बनाने के लिए प्राध्यापिका गीता तथा छात्राओं चंचल, निधि, सबरा खान, काजल शर्मा, प्रीति ठाकुर, एकता और अंजली सैनी का कार्यक्रम के सुंदर संयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।
No comments :