फरीदाबाद। हरियाणा पंजाबी संस्कृति संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश चन्द्र आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस के पंजाबी नेताओं की प्रैस वार्ता सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ के लिये की गई है क्योंकि अगर यह पंजाबी हितेषी नेता होते तो सबसे पहले पंजाबी समाज की विरासत बडखल सीट
को बचाने की माँग करते क्योंकि देश में सबसे ज्यादा पंजाबी वोटर करीब एक लाख पचास हज़ार इसी सीट पर हैं लेकिन प्रैस वार्ता में किसी बडखल की टिकट माँग रहे पंजाबी नेता को बोलने का मौका तक नहीं दिया और इससे भी बड़ी बात यदि इनको पंजाबी समाज की चिंता होती तो साफ-साफ एलान करते कि अगर पंजाबी समाज की विरासत बडखल सीट पर हम सिर्फ और सिर्फ पंजाबी का साथ देगें अगर हमारी पार्टी ने टिकट दिया तो अपनी पार्टी के साथ अगर नहीं दिया तो दूसरी पार्टी के पंजाबी उम्मीदवार को जितायेंगे लेकिन मिडिया के बार-बार पूछने पर भी इन स्वार्थी नेताओं ने इस बात पर चुप्पी साधे रखी। इससे इनका स्वार्थ जाहिर होता है न कि पंजाबियात की चिंता और दूसरी बात लगातार सिर्फ और सिर्फ मैं यानि हरीश चन्द्र आज़ाद बिना किसी लालच के पंजाबी समाजसेवी की तरह पंजाबियत की आवाज ऊठा रहा हूँ और इनकी पार्टी से इनके लिये आवाज ऊठा रहा हूँ लेकिन इन्होंने मुझसे न कोई सलाह ली, न बात की और मुझसे दूरी बनाई क्योंकि यह स्वार्थ के लिये प्रैस वार्ता कर रहे थे और मैं पंजाबियत की बात करता। इन्होंने बार-बार कहा कि इस प्रैस वार्ता के बाद अपने समाज के पास जायेंगे लेकिन वह समाज इनका साथ कैसे देगें जिनकी मेहनत पर इन्होंने पानी फेर दिया क्योंकि हमारी सबसे बड़ी माँग अपने पूर्वजों की पंजाबी विरासत बडखल सीट को बचाने की थी इनकी प्रैस वार्ता ने उस माँग को दरकिनार किया।
हरीश आज़ाद ने कहा कि इनमें से कुछ नेता तो पंजाबी हितैषी तो दूर कांग्रेस हितेषी भी नहीं हैं जिनमें से बसंत बिरमानी भाजपा के विपुल गोयल के लिये वोट माँगते रहे, केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुजर के लिये वोट माँगते रहे और अभी हाल ही में एक कार्यक्रम में किसी कांग्रेसी को अध्यक्षता न देकर भाजपा के नेता को अध्यक्षता दी। इसी कड़ी में दूसरा नाम आता है गोल्डी सलूजा का सबसे पहले तो मंच पर बैठे बहुत ने कांग्रेसी पंजाबी नेताओं ने मुझसे पूछा कि यह गोल्डी सलूजा कौन हैं मतलब जिनको कांग्रेस की टिकट माँग रहे पंजाबी नेता ही नही जानते उन्हें पंजाबी समाज क्या जानता होगा और यह भी कांग्रेसी कहाँ जिसका राज उसी के पूत रहे हैं यह और यह बात सभी जानते हैं कि जिस पंजाबी धर्मशाला को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिहं हुडा ने बनाया उनका राज जाते ही उनकी नेम प्लेट के साथ सभी भाजपा नेताओं की नेम प्लेट भी लगा दी है। इसी तरह गुलशन ब$गगा भी कांग्रेस से चुनाव लडक़र केवल 2500 से कम वोट लिये मतलब पंजाबी समाज भी साथ नहीं और फिर कांग्रेस छोडक़र आप पार्टी में चले गये फिर वापिस आ गये मतलब कांग्रेस हितेषी भी नही हैं सिर्फ स्वार्थी हैं। अब पंजाबी समाज और कांग्रेस पार्टी खुद ही बताये कि क्या यह पंजाबी हितेषी हैं या क्या यह कांग्रेस हितेषी हैं यह लोग तो सत्ता के लालची अपने स्वार्थ के हितेषी हैं।
हरीश आज़ाद ने कहा कि इसलिये मैं कांग्रेस पार्टी से अपील करता हूँ कि अगर पंजाबी समाज का समर्थन पूरी तरह से पाना है तो हमें हमारी विरासत बडखल की टिकट दें और इन स्वार्थी नेताओं को टिकट न दें जो न समाज हितेषी है और न पार्टी हितेषी हैं इससे न पंजाबी समाज का भला होगा और न ही कांग्रेस या किसी भी राजनितिक पार्टी का भला होगा।
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