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फरीदाबाद,19 अगस्त। बीस साल लंबे संधर्ष के बाद आखिरकार सेक्टर तीन के 36 वर्ग गज में बसे 629 नागरिकों के ऊपर लगाए जा रहे एक्सटेंशन फीस को एचएसवीपी ने ब्याज सहित माफ कर दिया गया है। जिसका पत्र भी जारी कर नागरिकों को सूचित कर दिया है। आवास कल्याण समिति के प्रधान राजेंद्र सिंह भाटी व सचिव रामनिवास शर्मा ने इस जटिल कार्य को करवाने का पूरा श्रेय सेक्टर तीन रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा व सचिव रतनलाल राणा तथा उ
नकी पूरी टीम को दिया है। जिन्होंने पिछले ढेड़ दो साल से निरंतरता में संधर्ष किया और आखिरकार एक्सटेंशन फीस को ब्याज सहित माफ करवाने में सफलता मिली। एक्सटेंशन फीस ब्याज सहित माफ होने से नागरिकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इस जटिल कार्य करवाने के लिए सेक्टर तीन आवास कल्याण समिति द्वारा आज यहां एक कार्यक्रम आयोजित कर रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा और सचिव रतनलाल राणा का हार्दिक धन्यवाद एवं नागरिक अभिनंदन किया। निश्चित तौर पर काम की कद्र करते हुए स्थानीय नागरिकों द्वारा अभिनंदन करने के पल भाव विभोर कर देने वाले थे। प्रधान सुभाष लांबा व सचिव रतनलाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि नागरिकों द्वारा इस उत्साहवर्धन करने से हमें और अधिक क्षमता से काम करने की प्रेरणा मिली है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने ही गुरुग्राम कैनाल के साथ लगते 60 वर्ग गज के मकानों के ऊपर से गुजर रही 66 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन को भी शिफ्ट करवाने में भारी सफलता मिली थी। इस अवसर पर आवास कल्याण समिति के पदाधिकारी प्रदीप शर्मा,श्याम सिंह चीलवाल,मास्टर प्रदीप सिंह,मास्टर समय सिंह, शंकर,मनोज कंठ, विद्यापति,उमेश मिश्रा, रामनिवास लावण्या, उम्मेद बालियान,दर्शना, चंदर शर्मा आदि सैकड़ों की संख्या में नागरिक मौजूद थे।
करीब डेढ़ दो साल पहले सेक्टर तीन आवास कल्याण समिति ने आरडब्ल्यूएफ के प्रधान सुभाष लांबा व सचिव रतनलाल राणा को इस बाबत ज्ञापन सौंपा और एक्सटेंशन फीस माफ करवाने का आग्रह किया। सेक्टर तीन रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा ने बताया कि गहन अध्ययन करने उपरांत मामले को एचएसवीपी प्रशासक जितेन्द्र दहिया के समक्ष उठाया। लेकिन गलत तरीके से केस बनाने के कारण मुख्य प्रशासक ने इसको रिजेक्ट कर दिया। उनके बताया कि फेडरेशन ने हार नहीं मानी और सबूतों सहित केस को पुनः तत्कालीन प्रशासक डाक्टर गरीमा मित्तल के सामने रखा। उन्होंने गूगल यह यह सर्च करवाया की मकान कब से बने हुए हैं। गूगल अनुसार मकान एक्टेंशन फीस लगने के साल से पहले बने हुए मिले। लेकिन एचएसवीपी ने अपने रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया। श्री लांबा व राणा ने बताया कि मामला हल होता न देख फेडरेशन का शिष्टमंडल डीसी विक्रम से मिला और उनसे इस मामले को जिला ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में लगाने की मांग की। डीसी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में लगाया। कमेटी की पहली ही मीटिंग में प्रधान सुभाष लांबा ने मजबूत तर्कों व सबूतों के साथ जोरदार तरीके से मामला उठाया। जिसके कारण कमेटी की दूसरी बैठक में मामले का निपटान हो गया और करीब बीस साल से गलत तरीके से लगाएं जा रहे एक्टेंशन फीस व उस पर लगे ब्याज को एचएसवीपी ने माफ कर दिया। जिसके आदेश भी जारी हो गए। उल्लेखनीय है कि सेक्टर तीन में लगभग 30-32 साल पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा 629 गरीब परिवारों को 36 वर्ग गज के प्लाट दिए गए थे। तभी से लोग वहां पर पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं। आश्चर्य चकित कर देने वाली बात यह थी कि एचएसवीपी के रिकॉर्ड में अभी तक इन घरों को बना हुआ नहीं दर्शाया गया था। जिसके कारण एचएसवीपी हर साल मकान न बनाने के लिए एक्सटेंशन फीस और उस फीस पर प्रतिदिन ब्याज लगाया जा रहा था। जिसके चलते एचएसवीपी ने 629 नागरिकों पर एक्सटेंशन फीस और उस पर ब्याज की राशि हजारों से लेकर लाखों रुपए तक इन मकान मालिकों पर जबरन थोप दी थी। एक्सटेंशन फीस माफी के लिए नागरिक एचएसवीपी व राजनीतिक दलों के नेताओं के दफ्तरों में चक्कर लगाते रहे लेकिन कोई हल नहीं निकला। हताश निराश हो कर पीड़ित नागरिक आवास कल्याण समिति के नेताओं को साथ लेकर सेक्टर तीन रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा व सचिव रतनलाल राणा से मिले। उसके बाद ही एक्सटेंशन फीस माफ के लिए प्रयास तेज किए गए और आखिरकार सफलता मिली।
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