HEADLINES


More

कारगिल विजय दिवस - वीर बलिदानियों को जेआरसी सराय ख्वाजा ने किया नमन

Posted by : pramod goyal on : Friday, 26 July 2024 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

 राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रास, सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड व गाइडस ने प्राचार्य व ब्रिगेड अधिकारी रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में कारगिल विजय दिवस की पच्चीसवीं वर्षगांठ पर भारतीय सेना के जवानों को बारंबार नमन करते हुए और बलिदानी हुए पांच सौ सत्ताइस जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजि


त किए। जे आर सी और एस जे ए बी अधिकारी प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने बताया कि भारतीय सेना की कारगिल युद्ध की पराक्रम गाथा अमिट रहेगी। भारतीय सेना ने जिस प्रकार से पाकिस्तान द्वारा धोखे से किए गए वार और ऊंचाई पर होने बाद भी सेना के वीर जवानों ने अपनी जान पर खेल कर पाकिस्तानी सेना को धूल चटाते हुए भागने पर मजबूर कर दिया। भारतीय सेना के शूरवीर जवानों और भारतीय वायुसेना के अद्वितीय तालमेल से पाकिस्तान को इस युद्ध में भारी क्षति हुई। जूनियर रेड क्रॉस काउंसलर व ब्रिगेड अधिकारी रविन्द्र कुमार मनचंदा ने बताया कि कारगिल विजय दिवस की पच्चीसवीं वर्षगांठ पर भारतमाता पर न्यौछावर हुए जवानों के शौर्य का जितना वर्णन किया जाए उतना कम है। उन्होंने इस अवसर पर भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पराक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय दिया था। कारगिल युद्ध में विजय भारत के संकल्पों की विजय थी भारत की शक्ति और धैर्य की विजय थी। आज विद्यालय में कारगिल युद्ध के बलिदानी वीरों की स्मृति में प्राचार्य मनचंदा, प्राध्यापिका सुशीला बेनीवाल, धर्मपाल शास्त्री, अवधेश, मुक्ता तनेजा, ज्योति, रवींद्र रोहिल्ला और विद्यार्थियों ने पेंटिंग और पोस्टर बना कर नमन किया। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि कारगिल विजय भारत की गरिमा और अनुशासन की विजय थी। यह विजय हर भारतीय की आशाओं, अपेक्षाओं और कर्तव्य परायणता की जीत थी। मनचन्दा ने कहा कि युद्ध पूरे राष्ट्र द्वारा लड़े जाते हैं। जो लोग देश के लिए जीने या मरने एवं न्योछावर होने का सोचते हैं, वे अमर हैं, अमर थे और अमर रहेंगे। सैनिक न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए और सुरक्षित भविष्य के लिए अपने जीवन को न्योछावर कर देते हैं। सैनिक जीवन और मृत्यु के बीच अंतर नहीं करते हैं। उनके लिए कर्तव्य सर्वोच्च है। हर भारतीय को अपने बहादुर सैनिकों पर गर्व करने का अधिकार है। प्राचार्य मनचन्दा ने देश पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले जवानों के जीवन से सीख लेने के लिए प्रेरित किया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा और प्राध्यापिका, छात्रों एवम छात्राओं ने कारगिल युद्ध में बलिदानी वीरों को नमन करते हुए कहा कि भारतमाता अपने शूरवीरों की सदैव ऋणी रहेगी।

No comments :

Leave a Reply