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सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र डंगवाल ने सरकार पर आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्परों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया

Posted by : pramod goyal on : Saturday 6 July 2024 1 comments
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 फरीदाबाद 6 जूलाई‌  सीटू  के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने प्रदेश सरकार पर आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्परों  की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।एक तरफ जहां प्रदेश की आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्परों ने  उनकी लंबी सेवाओं को म


ध्य नजर रखते हुए उन्हें नियमित करने, वर्कर और हेल्पर को कुशल और कुशल की श्रेणी में रखने, सेवानिवृत होने पर ग्रेच्युएटी, का लाभ,पी एफ, ईएसआई  की सुविधा प्रदान करने, उनके मानदेय में बढ़ोतरी करने और न्यूनतम वेतन 26000 रुपए प्रतिमाह  करने जैसी मांगों को लेकर वर्ष 2021-22 में 4 महीने की लगातार हड़ताल की। वहीं  दूसरी तरफ  राज्य की भाजपा सरकार ने उनकी मांगों को लागू करने के बजाए बड़ी संख्या में वर्कर्स  और हेल्परों को बर्खास्त कर दिया । अभी तक बर्खास्त वर्करों का बकाया मानदेय का भुगतान सरकार ने नहीं किया है। इतना ही नहीं आंगनबाड़ी केंद्रों का स्वीकृत किराया भी नहीं मिलता  है। बड़ी संख्या में वर्करों और हेल्परों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। इनको स्थाई भर्ती  द्वारा नहीं भरा जाता है। सरकार वर्करों पर ऑनलाइन काम का दबाव तो डालती है। लेकिन इसके लिए संसाधन  नहीं देती है। सरकार की इन नीतियों से आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों में भारी निराशा व्याप्त है। इसलिए यूनियन ने सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ  सीटू के आवाहन पर  11 जुलाई को जिला मुख्यालय पर होने वाले विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाग लेने का निर्णय लिया। इस आशय का प्रस्ताव आज सेक्टर 12 के ओपन एयर थिएटर में संपन्न हुई जिला कमेटी की बैठक में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता यूनियन की जिला प्रधान मालवती ने की जबकि संचालन जिला सचिव देवेंद्री शर्मा ने किया। इस अवसर पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर और  आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन के कोषाध्यक्ष नवल सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस बैठक में आगामी 21 जुलाई को प्रदेश के श्रम मंत्री श्री मूलचंद शर्मा के आवास पर होने वाले प्रदर्शन में हिस्सा  लेने  का प्रस्ताव भी पास किया गया। दोनों प्रदर्शनों में भवन निर्माण कामगार यूनियन सहित परियोजना कर्मी , के  अलावा वन मजदूर यूनियन, ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन, ग्रामीण चौकीदार सभा के अतिरिक्त अनेक कारखाने के वर्कर भी शामिल होंगे। क्योंकि इस सरकार ने कारखाने के मजदूरों के न्यूनतम वेतन में   पिछले  10 सालों में कोई बढ़ोतरी नहीं की । जबकि   प्रत्येक 5 साल में  न्यूनतम वेतन में  इजाफा होना  चाहिए।इस सरकार  के कार्यकाल में देश परदेश में  डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, सीएनजी, पीएनजी, खाद्य पदार्थों, सब्जियां, दूध, दही, बिजली, पानी की कीमतों में वृद्धि होती रही। जहां एक तरफ बढती महंगाई बेरोजगारी के खिलाफ     आंदोलन हुए  दूसरी तरफ आंदोलनकारियों का  पिछले दस सालों में खूब दमन हुआ। जनता जनार्दन ने भाजपा सरकार सरकार के इस दमनात्मक रवैये के  खिलाफ लोकसभा चुनावों में उसे करारा जवाब भी दिया है। परंतु भाजपा सरकार अपनी  जनविरोधी नीतियों को बदलने के लिए तैयार नहीं है। इसके बजाय श्रमिकों के 44 श्रम कानून में संशोधन करके चार  श्रम संहिताएं लागू करने पर आमादा है। इनके लागू होने से कारखाने के मालिकों को हायर और फायर की छूट मिल जाएगी। आज की बैठक को सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर, आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर यूनियन के जिला कोषाध्यक्ष नवल सिंह, कमलेश, अनीता, मीनू ममता ने भी संबोधित किया।

1 comments : for सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र डंगवाल ने सरकार पर आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्परों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया

  1. इंकलाब जिंदाबाद, मेहनतकश का भाईचारा जिन्दाबाद।

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